'निकलने के लिए तैयार रहें' : यूक्रेन के सुमी में फंसे भारतीय छात्रों से भारतीय दूतावास ने कहा

भारतीय दूतावास ने यह अलर्ट छात्रों को ऐसे वक्त भेजा है, जब कुछ दिन पहले इन छात्रों ने एक वीडियो जारी कर अकेले ही रूसी सीमा की ओर कूच करने का ऐलान किया था. हालांकि दूतावास के अनुरोध पर वो अपने रुख से पीछे हट गए थे.

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Indian Students यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे हुए हैं
कीव:

यूक्रेन के सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को भारतीय दूतावास ने संदेश दिया है कि वो बेहद कम समय में वहां से सुरक्षित निकलने के लिए तैयार रहे हैं. भारतीय दूतावास ने यह अलर्ट छात्रों को ऐसे वक्त भेजा है, जब कुछ दिन पहले इन छात्रों ने एक वीडियो जारी कर अकेले ही रूसी सीमा की ओर कूच करने का ऐलान किया था. हालांकि दूतावास के अनुरोध पर वो अपने रुख से पीछे हट गए थे. रेडक्रास की ओर से इन छात्रों को भोजन पानी और अन्य सामग्री भी पहुंचाई गई थी. खबरों के मुताबिक, सुमी में करीब 600 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, इनमें से ज्यादा सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं. रूस औऱ यूक्रेन के बीच भीषण गोलाबारी के बीच इन छात्रों के पास बाहर निकलने का कोई मौका नहीं है. भोजन, पानी खत्म होने के कारण ये छात्र बर्फ पिघलाकर पानी पीने को मजबूर हुए थे. इन परेशानियों के वीडियो भी छात्रों ने साझा किए थे. इसके बाद भारतीय दूतावास हरकत में आया था. भारतीय दूतावास खारकीव और अन्य युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में भी कामयाब होते दिख रहा है. उसका सारा जोर अब सुमी में फंसे छात्रों पर ही है. ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक करीब 13 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन से भारत आ चुके हैं. जबकि कुल 20 हजार छात्र अब तक यूक्रेन से निकल चुके हैं. 

सुमी यूरोपीय देशों पोलैंड, रोमानिया, हंगरी आदि से काफी दूर है और रूसी सीमा के निकट पड़ता है, लिहाजा छात्र लगातार भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें रूसी सीमा की तरफ से सुरक्षित निकाला जाए. सरकार इसको लेकर रूस और यूक्रेन की सरकारों के संपर्क में भी रही है. भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए दोनों देशों के बीच संघर्षविराम का भी आह्वान कई बार किया है. 

इसी बीच विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने रविवार को ट्वीट किया था कि यूक्रेन की राजधानी कीव में घायल हुआ भारतीय युवक हरजोत सिंह सोमवार को स्वदेश लौटेगा. हरजोत सिंह जब कीव से किसी कैब के जरिये बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, तो उसी वक्त किसी ने उस पर गोलियां चलाई थीं. उसे चार गोलियां लगी थीं और चार दिन बाद जब उसे होश आया था तो उसने खुद को अस्पताल में पाया था. हरजोत का परिवार दिल्ली के छतरपुर का रहने वाला है. 

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