1500 डमरू की गूंज से गुंजायमान हुआ उज्जैन, शिव नगरी में बना विश्व रिकार्ड

जिला प्रशासन और महाकाल प्रबंध समिति के प्रयासों से डमरू वादन का सफल कार्यक्रम आयोजित हुआ और इस दौरान 1500 डमरू वादकों ने प्रस्तुति दी.

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उज्जैन:

सावन के तीसरे सोमवार पर उज्जैन में 1500 डमरू वादकों ने एक साथ डमरू बजाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया. श्री महाकालेश्वर मंदिर के महाकाल लोक स्थित शक्तिपथ पर 1500 डमरू वादकों ने प्रस्तुति दी और इसके साथ ही फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन न्यूयॉर्क के 488 डमरू वादन का रिकार्ड तोड़ा दिया. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर श्री ऋषिनाथ ने डमरू वादन को वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने डमरू वादन के विश्व रिकॉर्ड के लिए उज्जैन को बधाई और शुभकामनाएं दीं.

25 दलों के 1500 डमरू वादकों ने भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर भगवान महाकाल की स्तुति की. गिनीज बुक विश्व रिकार्ड बनाने के लिए एक साथ 1500 कलाकार भगवान शिव को प्रिय वाद्य डमरू, झांझ मंजीरे की सुरमयी मंगल ध्वनि आकर्षण का केंद्र बन गई.

उज्जैन नगरी डमरू की गूंज से गुंजायमान हो गई. महाकाल महालोक के सामने शक्तिपथ पर अद्भुत अनूठे आयोजन में भगवा वस्त्रों में डमरू वादक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी का मन जीत लिया, जिला प्रशासन और महाकाल प्रबंध समिति के प्रयासों से डमरू वादन का सफल कार्यक्रम आयोजित हुआ.

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के विशेष पहल से बाबा महाकाल की सवारी और भी भव्य व दिव्य होती जा रही है. उन्होंने सवारी को भव्यता प्रदान करने के लिए अनूठे प्रयास किए हैं. पहले दो सवारियों में जनजातीय लोकनृत्यों और 350 सदस्यीय पुलिस बैंड की प्रस्तुति दी गई. वहीं तीसरे सोमवार को निकाली जाने वाली तीसरी सवारी में डमरू का वादन किया गया.

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