UGC-NET 2024 परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि नैशनल साइबर थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट की तरफ से उन्हें कुछ संकेत मिले थे और इसके बाद ही एग्जाम को रद्द करने का फैसला लिया गया है. शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गाय है और इसमें जो भी कोई सम्मिलित होगा, उन सभी के ऊपर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में आप भी यह जरूर जानना चाह रहे होंगे कि यूजीसी नेट परीक्षा से जुड़े कौन से अधिकारी जांच के दायरे में आते हैं.
जांच के दायरे में होंगे ये अधिकारी
बता दें कि यूजीसी नेट परीक्षा के प्रश्नपत्र सेट करने वाले और इन प्रश्नपत्रों को चेक करने वाले इवैल्यूएटर्स सभी जांच के दायरे में हैं. इसके अलावा प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग और प्रूफ रीडिंग की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के पास थी, वो भी जांच के दायरे में आते हैं. जिन अधिकारियों को प्रश्नपत्र एग्जाम सेंटर तक पहुंचाना था उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी.
ये अधिकारी ही लीक कर सकते हैं प्रश्नपत्र
यहां आपको बता दें कि यूजीसी नेट की परीक्षा के लिए दो से तीन सेट तैयार किए जाते हैं. ऐसे में सेंटर और एनटीए के वरिष्ठ अधिकारियों को ही पता होता है कि कौन सा प्रश्नपत्र परीक्षा में आएगा तो वो भी जांच के दायरे में आते हैं. साथ ही बता दें कि नेट परीक्षा का प्रश्नपत्र सेट किए जाने के बाद ही प्रिंट होता है और ऐसे में इसके बाद ही पेपर लीक हो सकता है. तो वो ही अधिकारी पेपर लीक कर सकता है, जिसके पास प्रिंटेड प्रश्नपत्र के सेट की जानकारी हो.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि नेट की परीक्षा का आयोजन 18 जून को किया गया था और इसके कुछ घंटों बाद ही परीक्षा को रद्द कर दिया गया. ऐसे में सभी छात्र बेहद नाखुश हैं. परीक्षा रद्द किए जाने के बारे में बात करते हुए शिक्षा मंत्रालय ने कहा यूजीसी को गृह8 मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की नेशनल साइबर क्राइम खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा से संबंधित कुछ सूचनाएं मिली थीं. इन सूचनाओं से पता चलता है कि यूजीसी नेट प्योरिटी से समझौता किया गया है. इस वजह से जून 2024 में आयोजित की गई नेट की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. सरकार ने यह भी कहा कि जल्द ही नेट परीक्षा की नई तारीख का ऐलान किया जाएगा.