कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने सोमवार को केरल विधानसभा में कहा कि सदन को ‘कौरव सभा' में तब्दील न करें, जहां महिलाओं का उत्पीड़न हो. उसने महिलाओं के विरूद्ध मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम एम मणि के विवादास्पद बयान को रिकार्ड से हटाने की मांग की. विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि पहले उसने (विपक्ष ने) मणि से अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की और फिर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से अनुरोध किया कि वह माकपा विधायक को निर्देश दें कि रिवोल्युशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) की विधायक के के रेमा के विरूद्ध जो कुछ कहा है, उसे वह वापस लें.
सतीशन ने कहा कि लेकिन दोनों में कोई ऐसा करने को तैयार नहीं हैं, इसलिए इससे दो महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े होते हैं--- क्या विधानसभा इस निष्कर्ष पर पहुंच सकती है कि विधवापन महिला की नियति है और दूसरा कि, क्या यह सदन ‘कौरव सभा' है जहां महिलाओं का अपमान एवं उत्पीड़न किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि केरल जैसा प्रगतिशील राज्य इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता कि विधवापन महिला की नियति है.
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उन्होंने कहा कि ऐसा ही निष्कर्ष ‘सती' का आधार है और केरल जैसे राज्य का ऐसे निष्कर्ष पर पहुंचना अशोभनीय है. उन्होंने कहा कि विधानसभा कोई ‘कौरवसभा' नहीं है, जहां ‘दुर्योधन' एवं ‘दु:शासन' महिलाओं का उत्पीड़न करे. रेमा के विरूद्ध मणि की विवादास्पद टिप्पणी ‘ यह उनकी नियति थी' से पिछले सप्ताह विधानसभा में बड़ा हंगामा हुआ था. पंद्रह जुलाई को यूडीएफ के जबर्दस्त विरोध के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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