शिवसेना खोने के बाद सांसदों-विधायकों को उद्धव ठाकरे ने बुलाया मातोश्री, शिंदे-फडणवीस यह बोले

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा- 'मैंने चुनाव आयोग से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक रुकना चाहिए. मगर ऐसा नहीं हुआ."

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मुंबई:

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) के कल के फैसले पर आज शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज मातोश्री पर सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है. इसी में चुनाव चिह्न धनुष बाण हाथ से निकल जाने पर पार्टी की अगली रणनीति तैयार की जाएगी. वैसे उद्धव ठाकरे फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायलय जाने की बात कल ही कह चुके हैं. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे की टीम को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी है. आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना का 'तीर-कमान' चुनाव चिह्न भी शिंदे गुट को दे दिया है. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे की टीम को करारा झटका लगा है. उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और पहचान (चुनाव चिह्न) दोनों खोना पड़ा है.

चुनाव आयोग का यह है फैसला
चुनाव आयोग ने पाया कि उद्धव गुट की पार्टी का संविधान अलोकतांत्रिक है. इसमें लोगों को बिना किसी के चुनाव के नियुक्त किया गया था. आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई. इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था. इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है.78 पन्नों के आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे को 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी के विजयी वोटों के 76 प्रतिशत विधायकों का समर्थन प्राप्त था. इसके साथ ही आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को पिछले साल आवंटित 'मशाल' चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी.

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने यह कहा
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा- 'मैंने चुनाव आयोग से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक रुकना चाहिए. मगर ऐसा नहीं हुआ. आगे भविष्य में कोई भी विधायकों या सांसदों को खरीदकर मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन सकता है.' उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है, वो लोकतंत्र के लिए घातक है. अब लालकिले से प्रधानमंत्री को घोषणा कर देना चाहिए कि लोकतंत्र खत्म हो गया है. चुनाव आयोग के फैसले पर खुशी जताते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, "मैं चुनाव आयोग को धन्यवाद देता हूं. लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है. यह शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विरासत की जीत है. हमारी असली शिवसेना है."

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देवेंद्र फडणवीस और शरद पवार यह बोले
महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- 'CM एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिह्न और नाम मिला है. असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है. हम पहले दिन से आश्वस्त थे, क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार का निर्णय आए हैं. उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि ‘तीर-कमान' का चिह्न खोने से उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नए चिह्न को स्वीकार कर लेगी. पवार की पार्टी ठाकरे वाली शिवसेना की सहयोगी है.

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