महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों को लेकर राज्य के मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा और बीजेपी को याद दिलाया कि उसने पीडीपी के साथ सत्ता साझा की थी जिसने आतंकवाद के दोषी अफजल गुरु का समर्थन किया था. बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में ठाकरे ने यह भी कहा कि वह 'हैरान' हैं कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को इतने वर्षों में यह एहसास नहीं हुआ कि 'दाऊद इब्राहिम का एजेंट' मलिक खुलेआम घूम रहा था.
एनसीपी के वरिष्ठ नेता मलिक को दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी की कथित संलिप्तता वाले एक जमीन सौदे को लेकर धनशोधन के एक मामले में इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था. ठाकरे ने बीजेपी को राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस वाले सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के खिलाफ 'निराधार' आरोप लगाने के बजाय भगोड़े गैंगस्टर के घर में घुसने और उसे मारने की चुनौती दी.
बीजेपी नेता और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि ठाकरे को मलिक का बचाव करना पड़ रहा है ‘‘जो 1993 के मुंबई विस्फोटों के आरोपियों और दाऊद इब्राहिम के सहयोगी के साथ भूमि सौदों में शामिल थे.'' मुख्यमंत्री ठाकरे ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है. क्या केंद्रीय जांच एजेंसियां इतनी बेमतलब हो गई हैं कि दाऊद इब्राहिम का एक 'एजेंट' मलिक मुंबई में और पूरे देश में खुलेआम घूम रहा था, चार-पांच बार निर्वाचित हुए, मंत्री बने और फिर भी केंद्रीय एजेंसियों को इसके बारे में पता नहीं था?''
उन्होंने सवाल किया, ‘‘तब केंद्रीय एजेंसियां क्या कर रही थीं?'' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां वे 'तीर' थीं जिन्हें बीजेपी अपने राजनीतिक विरोधियों पर निर्देशित कर रही थी. ठाकरे ने चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार को फडणवीस को ‘रॉ' या सीबीआई में भर्ती करना चाहिए, क्योंकि कहा जाता है कि बीजेपी नेता ने मलिक के कथित सौदों के बारे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘...तो आप जानकारी देंगे, आप आरोप लगाएंगे, आप जांच करेंगे और आप सजा भी देंगे. इतना मजबूत मामला दायर करने पर अदालतें क्या करेंगी? हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. लेकिन अगर आप इस तरह से एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं... ये 'ईडी' है, या यह 'घर-गाड़ी' (घरेलू सहायक) हैं.''
ठाकरे ने कहा कि बीजेपी ने एक बार राम मंदिर मुद्दे पर वोट मांगा था और क्या वह अब दाऊद इब्राहिम मुद्दे का इस्तेमाल करके वोट मांगेगी. ठाकरे ने व्यंग्यात्मक रूप से कहा, ‘‘दाऊद कहां है? क्या कोई जानता है? कोई नहीं जानता. (दिवंगत बीजेपी नेता) गोपीनाथ मुंडे ने कहा था कि वह दाऊद को वापस महाराष्ट्र खींचकर लाएंगे. अब, हम (बीजेपी) उसके (दाऊद) के पीछे घसीटे जा रहे हैं और उसके एजेंटों की तलाश कर रहे हैं.'' उन्होंने ओबामा की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे. उन्होंने कहा, ‘‘आप दाऊद को क्यों नहीं मार देते? दाऊद के घर में घुस जाओ और उसे मार डालो जैसे ओबामा ने ओसामा को मार डाला था. इसे कहते हैं हिम्मत. लेकिन आप कुछ भी करने के बजाय हमारे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं.''
नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग करने के लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने बीजेपी को याद दिलाया कि उसने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी, जिसने संसद हमले के मामले में अफजल गुरु की फांसी का विरोध किया था. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या अफजल गुरु देशद्रोही नहीं था?'' बाद में फडवणीस ने मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना अब उन लोगों के साथ सत्ता साझा कर रही है जिन्होंने आतंकी मामलों में दोषियों को फांसी देने का विरोध किया था.
बीजेपी नेता ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में तब शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा की, जब अलगाववादियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने धमकी दी थी कि वे चुनाव नहीं होने देंगे. फडणवीस ने कहा, ‘‘अलगाववादियों ने तब कहा था कि वे सरकार बनाने नहीं देंगे. इसलिए, यह उस समय देश की जरूरत थी और इसलिए हमने महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बनायी.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने आईएसआई को दिखाया कि वहां सरकार बन सकती है. लेकिन हम (लंबे समय तक) सरकार में नहीं रहे, जिस क्षण हमने दुनिया को दिखाया कि वहां चुनाव हो सकते हैं, हम अगले ही पल उस सरकार से हट गए.''
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