रोहित आर्य को लेकर उद्धव ठाकरे की पार्टी ने उठाए सवाल तो शिंदे के मंत्री ने दिया जवाब

रोहित आर्य पुणे के कर्वेनगर इलाके में अमेय अपार्टमेंट में रहता था. कोथरूड इलाके के शिवतीर्थ नगर में स्थित स्वरांजली अपार्टमेंट में उसके माता-पिता रहते थे. अमेय अपार्टमेंट में रहना उसने लगभग एक साल पहले छोड़ दिया था.

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  • रोहित आर्य को एक साल पहले पुणे के नवी पेठ इलाके में आंदोलन के दौरान दौरा पड़ा था और शिवसेना नेता ने मदद की थी.
  • रोहित आर्य सरकार से चार करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के लिए आंदोलन कर रहे थे, लेकिन निराश होकर टूट गए थे.
  • शिवसेना नेता सूरज लोखंडे ने कहा कि रोहित का कदम गलत था, लेकिन सरकार की वजह से वह मजबूर हुआ था.
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रोहित आर्य को एक साल पहले आंदोलन करते समय दौरा पड़ा था. आर्य को बचाने वाले उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता ने NDTV मराठी से कहा कि उसका रास्ता गलत था, लेकिन रोहित आर्य के इस कदम के लिए ज़िम्मेदार कौन है? बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की पुलिस मुठभेड़ में कल मौत हो गई. अब उसका पुणे कनेक्शन सामने आया है. एक साल पहले रोहित आर्य ने पुणे के नवी पेठ इलाके में अनशन किया था. उस दौरान उन्हें दौरा पड़ा था और उस समय शिवसेना के पदाधिकारी सूरज लोखंडे ने उन्हें चिकित्सीय सहायता दिलाई थी.

उद्धव गुट के नेता का बयान

सूरज लोखंडे ने बताया कि कई वर्षों से सरकार के पास उनके प्रोजेक्ट का लगभग चार करोड़ से अधिक का भुगतान अटका हुआ था. यही रकम वापस पाने के लिए रोहित आर्य आंदोलन कर रहे थे, लेकिन सरकार से उन्हें पैसे नहीं मिले, जिससे वे बेहद निराश हो गए थे. सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर भी अपने परिश्रम का पैसा न मिलने से रोहित आर्य टूट गए थे. उनकी पत्नी भी हताश हो गई थी. उसने अपने पति को लेकर भी कहा, “उन्हें मरने दो…सारा पैसा गंवा दिया. हमारी कोई नहीं सुन रहा.” सूरज लोखंडे ने कहा कि रोहित ने जो किया बिल्कुल गलत किया, लेकिन उसने इस सरकार के कारण ये कदम उठाया. ऐसा कदम किसी को नहीं उठाना चाहिए पर उसे मजबूर किया गया.

शिंदे के मंत्री का बयान

वहीं महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि “वो कांट्रेक्टर नहीं, “दहशतवादी” था. आरोपी ने कुल 19 लोगों को बंधक बनाया था. अगर वह वीडियो अगर हम देखें, तो किस तरह से उसका वक्तव्य था? उसने क्या कहा था? "मुझे आत्महत्या करनी थी, पर मुझे आत्महत्या नहीं करनी, मुझे इन 19 लोगों को जलाकर मार देना है. सरकार के पास उनका जो कुछ बकाया था, क्या था, यह बाद का विषय है, लेकिन 19 लोगों को मार डालना, जलाकर मार डालना, ऐसा जब सामने वाला व्यक्ति वीडियो कॉल करके कहता है तब मुझे ऐसा लगता है कि पुलिस ने अपनी भूमिका निभाई है और अगर कोई कोर्ट में गया, तो निर्णय कोर्ट में होगा, उस पर ज़्यादा बोलना उचित नहीं समझता.”
 

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