उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने चुनाव आयोग को 12 सूत्री पत्र लिखकर प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे खेमे के पक्ष में पार्टी का चुनाव चिह्न और नाम तय करने का आरोप लगाया है. टीम ठाकरे ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे की पसंद के नामों और प्रतीकों को "संभवतः (टीम शिंदे) द्वारा अपनी सूची प्रस्तुत करने से पहले ही चुनाव निकाय की वेबसाइट पर अपलोड करके साझा कर दिया था, इससे टीम शिंदे को टीम ठाकरे द्वारा सुझाए गए विकल्पों की नकल करने की अनुमति मिल गई.
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद अब ठाकरे गुट को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे कहा जाएगा. इसका पार्टी सिंबल जलता हुआ मशाल है, जबकि शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना कहा जाएगा. आयोग ने इसे चुनाव चिह्न के तौर पर एक ढाल और दो तलवार आवंटित किया है.
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टीम ठाकरे ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि प्रतिवादी (टीम ठाकरे) यह देखकर आश्चर्यचकित है कि माननीय चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट से उस पत्र को हटा लिया. कहने की जरूरत नहीं है कि वादी (टीम शिंदे) द्वारा नाम और चिह्न के लिए कोई पत्र वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया.
पत्र में आरोप लगाया गया है कि टीम शिंदे ने "बहुत ही स्पष्ट रूप से" सबसे पहली पसंद के तौर पर वही नाम और पहली औरप दूसरी पसंद के तौर पर वही चुनाव चिह्न विकल्प दिया था, जो बाद में टीम शिंदे द्वारा आयोग को दिया गया.