महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन कर रही है जिन्होंने विनायक दामोदर सावरकर का ‘जानबूझकर कर अपमान किया' है और यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण' है.
शिंदे ने दावा किया कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और ‘मोदी उपनाम'पर टिप्पणी कर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का भी अपमान किया है एवं जनता कांग्रेस नेता को सड़क पर चलने नहीं देगी.
विधानमंडल के बजट सत्र के समापन के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट को हिंदुत्व के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी की जानबूझकर सावरकर और प्रधानमंत्री मोदी का अपमान करने के लिए निंदा करता हूं. जनता राहुल गांधी को सड़क पर चलने नहीं देगी.''
उन्होंने कहा कि जनता सावरकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे जैसे देश भक्त का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. शिंदे ने कहा, ‘‘जब राहुल गांधी ने पिछले चुनाव में ‘चौकीदार चोर है' कहा तो जनता ने उन्हें हरा दिया. उन्होंने देश और दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय लोकतंत्र को निशाना बनाकर देश का अपमान किया है. उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान ‘भारत तोड़ो' की बात की.''
उन्होंने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण हे कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेन राहुल के साथ खड़ी है जो सावरकर का अपमान कर रहे हैं.''
इससे पहले विधानसभा में विपक्ष की ओर से ‘पिछले सप्ताह' लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए शिंदे ने कहा था कि राहुल गांधी को जिस कानून के तहत संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य करार दिया गया है, उसे कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने बनाया था और मोदी सरकार ने उसे महज लागू किया है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ‘‘राहुल गांधी दोषी करार दिए गए और स्वत: लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य हो गए, लेकिन वह लगातार विनायक दामोदर सावरकर का यह कहकर अपमान कर रहे हैं कि वह सावरकर नहीं हैं, जो माफी मांगें. वह खुद को क्या समझते हैं? उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.''
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी सदस्यों ने विधायी कार्य में सरकार का सहयोग किया और यही वजह है कि बजट सत्र के दौरान रिकॉर्ड काम हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की परंपरा राजनीतिक विरोध का रहा है और इसे शत्रुता के तौर पर नहीं देखा जाता.''
‘‘मोदी उपनाम'' वाली टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में बुधवार को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई. हालांकि, सजा 30 दिन के लिए निलंबित कर जमानत दे दी ताकि वह फैसले को चुनौती दे सकें. एक दिन बाद, लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना में कहा कि लोकसभा की सदस्यता से उनकी अयोग्यता दोषसिद्धि की तारीख 23 मार्च से प्रभावी होगी.
गौरतलब है कि लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरा नाम सावरकर नहीं है. मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगेगा.''
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