"चुनाव आयोग को भंग कर देना चाहिए": शिवसेना को लेकर EC के फैसले पर उद्धव ठाकरे का हमला

सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है जहां पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न सीधे एक गुट को दिया गया हो. 

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक संस्थाओं की मदद से लोकतंत्र को नष्ट करना चाहती है
मुंबई:

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नाम और सिंबल खोने के दो दिन बाद सोमवार को कहा कि चुनाव आयोग को "भंग कर देना चाहिए" और चुनाव आयुक्तों को लोगों द्वारा चुना जाना चाहिए.  सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि एक भी ऐसा उदाहरण नहीं है जहां पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न सीधे एक गुट को दिया गया हो. उन्होंने सवाल उठाया कि "इतनी जल्दी में यह फैसला देने की क्या जरूरत थी?" 

उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि "मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप सब यहां क्यों हैं? मेरे पास कुछ भी नहीं है, मेरा सब कुछ चुरा लिया गया है, आप अभी तक यहां क्यों हैं? साथ ही उन्होंने कहा कि भले ही दूसरे गुट ने हमारा नाम और प्रतीक ले लिया हो लेकिन वो हमसे हमारा ठाकरे नाम नहीं ले सकते हैं. मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने बालासाहेब ठाकरे के परिवार में पैदा लिया था. विरोधी गुट दिल्ली की मदद से भी इसे नहीं प्राप्त कर सकते हैं.

उन्होंने बीजेपी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं की मदद से लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद ममता बनर्जी, शरद पवार, नीतीश कुमार और कई अन्य लोगों ने फोन कर मुझसे बात की है. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी ने आज हमारे साथ जो किया, वह किसी के साथ भी कर सकती है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2024 के बाद देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा.

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ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्होंने हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ा, हालांकि उन पर ऐसा करने का आरोप लगाया गया था जब उन्होंने 2019 में भाजपा के साथ अपने दशकों पुराने गठबंधन को समाप्त कर दिया था. जो भी हिंदू है उसे अब इस मुद्दे पर बोलना चाहिए. ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग को विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए था.

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गौरतलब है कि  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले दल को ‘शिवसेना' नाम और ‘धनुष बाण' चुनाव चिह्न दिये जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को करीबी सहयोगियों के साथ यहां शिवसेना भवन में बैठक की. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत, सुभाष देसाई, अनिल देसाई और अनिल परब ने उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में भाग लिया. ठाकरे ने अनेक जिलास्तरीय नेताओं को भी आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाया था.

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