"देश मजबूत चाहिए या सरकार?" : उद्धव ठाकरे का विपक्षी पार्टियों की मीटिंग से पहले केंद्र पर हमला

उद्धव ठाकरे ने सवाल करते हुए कहा कि पहले हम कहते थे कि देश में स्थिर और मजबूत सरकार चाहिए, लेकिन आपको देश मजबूत चाहिए या सरकार.

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्‍ट्र मेरा घर है. घर में बैठकर मैंने पूरे महाराष्‍ट्र की जनता का ध्‍यान रखा. (फाइल)
मुंबई:

शिवसेना के स्‍थापना दिवस के एक दिन पहले उद्धव ठाकरे मुंबई में केंद्र और राज्‍य सरकार पर जमकर बरसे. साथ ही उद्धव ठाकरे ने 23 जून को बिहार के पटना में होने वाली विपक्षी दलों की मीटिंग में शामिल होने का भी ऐलान किया है. शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है. मुंबई के वर्ली में राज्‍यस्‍तरीय पदाधिकारियों के शिविर में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कल शिवसेना का स्थापना दिवस और परसों विश्व गद्दार दिवस है. वर्ली उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्‍य के पूर्व मंत्री आदित्‍य ठाकरे की विधानसभा सीट है. 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव होने वाले हैं, एक बात याद रखना कि पैसे की बारिश की जाएगी. कर्नाटक की जनता को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं, महाशक्ति के आगे आप झुके नहीं. साथ ही ठाकरे ने कहा कि बजरंगबली ने भी गदा का इस्तेमाल सही जगह पर किया. मैं बजरंगबली को दंडवत करता हूं. 

उन्‍होंने कहा कि पहले हम कहते थे कि देश में स्थिर और मजबूत सरकार चाहिए, लेकिन आपको देश मजबूत चाहिए या सरकार. उन्‍होंने कहा कि मेरे ऊपर टीका करते हैं कि मैं कभी बाहर नहीं निकला, हां नहीं गया. पूरा महाराष्‍ट्र मेरा घर है. घर में बैठकर मैंने पूरे महाराष्‍ट्र की जनता का ध्‍यान रखा है. 

उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मणिपुर में जाइए, वहां लोग मारने के लिए तैयार हैं. अमित शाह की भी सुनने को तैयार नहीं है. यूक्रेन और रूस का युद्ध रोकने की बात करते हैं. अरे पहले मणिपुर को तो शांत करके दिखाओ. मैं तो कहता हूं कि पीएम मोदी मणिपुर जाकर दिखाएं.  

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं आप सभी को देखकर भावुक हो जाता हूं, ठीक है विधायक खरीदे जाते हैं, फिर आप लोग जो मेरे साथ हैं, इसका ऋण मैं कैसे चुकाऊंगा. मेरे पास अब कुछ भी नहीं है, फिर भी आप लोग मेरे साथ हैं.  

उन्‍होंने कहा कि आप लोग मराठी हैं, हिंदू हैं, मुसलमान भी हैं और ईसाई भी हैं. सभी कहते हैं कि कोरोना काल में आपने हमें बचाया.  जो सुख में साथ में रहते हैं उन्हें रिश्ते कहते हैं और जो दुख में साथ में रहते हैं उन्हे फरिश्ते कहते हैं. 

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