"केवल उन्हीं को निमंत्रण, जो..": उद्धव ठाकरे की निमंत्रण नहीं मिलने की टिप्पणी पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी

उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि उन्हें अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अभी निमंत्रण नहीं मिला है.

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हमारे पीएम का हर जगह सम्मान किया जाता है: आचार्य सत्येन्द्र दास
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अयोध्या में 22 जनवरी को होगा राम मंदिर का उद्घाटन
समारोह के लिए देशभर की विभिन्न नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया गया
उद्धव ठाकरे को अभी तक नहीं मिला निमंत्रण
अयोध्या:

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे को भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं देने के मामले पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि निमंत्रण केवल उन्हीं को दिया गया है जो "भगवान राम के भक्त" हैं. एएनआई से बात करते हुए, आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, " यह कहना पूरी तरह से गलत है कि बीजेपी भगवान राम के नाम पर लड़ रही है, हमारे पीएम का हर जगह सम्मान किया जाता है. उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है." यह राजनीति नहीं है. यह उनकी भक्ति है."

आचार्य सत्येन्द्र दास ने शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की "बीजेपी को अब भगवान राम को अपना उम्मीदवार घोषित करना बाकी है."  टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी.

मुख्य पुजारी ने कहा संजय राउत को इतना दर्द है कि वो बता भी नहीं सकते, ये वही लोग हैं जो भगवान राम के नाम पर चुनाव लड़ते थे. भगवान राम को मानने वाले सत्ता में हैं, ये कैसी बकवास कर रहे हैं? वह भगवान राम का अपमान कर रहे हैं.

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दरअसल उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि उन्हें अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अभी निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि राम लला हर किसी से जुड़े हैं, लिहाजा उन्हें किसी औपचारिक निमंत्रण की जरूरत नहीं है और वह जब मन होगा अयोध्या जा सकते हैं.

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने समारोह के लिए देशभर की विभिन्न नामचीन हस्तियों और राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया है.

ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि शिवसेना ने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए लंबा संघर्ष किया था. उन्होंने यह भी कहा कि एक उपचुनाव में राम मंदिर और हिंदुत्व का प्रचार करने के लिए उनके पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का मताधिकार “छीन” लिया गया था.

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