प्रशासन ने शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच तीखी नोंकझोक के बाद बीएमसी मुख्यालय स्थित शिवसेना सहित सभी राजनीतिक दलों के कार्यालयों को सील कर दिया है. बीएमसी मुख्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यालय हैं. शिवसेना के उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच बुधवार शाम दक्षिण मुंबई में बीएमसी मुख्यालय में पार्टी कार्यालय में तीखी नोकझोंक हुई थी.
पुलिस के हस्तक्षेप करने तक परिसर में एक घंटे तक तनाव की स्थिति बनी रही. शिवसेना कार्यालय में हंगामे के बाद प्रशासन ने शिवसेना कार्यालय को सील कर दिया था. आज हंगामा और बढ़ने के बाद सभी कार्यालयों को सील किया गया है.
40 विधायकों को तोड़ने के बाद एकनाथ शिंदे ने अब उद्धव ठाकरे गुट के सरकारी दफ्तरों पर भी एक तरह से कब्जा करना शुरू कर दिया है. नागपुर विधानसभा में भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास बरसों से मौजूद कार्यालय को अपने कब्जे में लेने की कोशिश हुई.
उसके बाद बुधवार की शाम देश की सबसे अमीर महानगरपालिका बीएमसी में दो दशकों से ज्यादा तक सत्ता मे काबिज रही शिवसेना के कार्यालय पर भी शिंदे गुट ने अपना कब्जा जमाने की कोशिश की. शिंदे गुट का मानना है कि मौजूदा समय में उनके साथ सबसे ज्यादा विधायक, सांसद, पदाधिकारी और कार्यकर्ता हैं. इसलिए संख्या बल के आधार पर कार्यालय उनके होने चाहिए.
उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि जब बीएमसी में फिलहाल किसी पार्टी की सत्ता नहीं है और वहां पर प्रशासक की नियुक्ति की गई है, तब फिर इस तरह से जबरन किसी दल के कार्यालय में घुसकर उस पर कब्जा करना सरासर गलत और अनैतिक है.
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