कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने रविवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार 'यू-टर्न' वाली सरकार है. केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद खरगे ने यह बात कही. यूपीएस के तहत सुनिश्चित पेंशन, न्यूनतम पेंशन और सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन दी जाती है. खरगे ने कहा कि यूपीएस में 'यू' का मतलब है 'मोदी सरकार का यू-टर्न' है.
खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "चार जून के बाद जनता की शक्ति प्रधानमंत्री की सत्ता के अहंकार पर हावी हो गई है. दीर्घावधि पूंजीगत लाभ/सूचकांक के संबंध में बजट में रोलबैक, वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा, प्रसारण विधेयक को वापस लिया, लेटरल एंट्री को वापस लिया."
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "हम जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और 140 करोड़ भारतीयों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे."
झूठ बोलती है कांग्रेस : बीजेपी
कांग्रेस अध्यक्ष की बात के जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने एनडीटीवी से कहा कि जहां भी कांग्रेस की सरकार है, जैसे तेलंगाना और कर्नाटक, वे हमेशा वित्तीय मामलों में गड़बड़ी करते हैं.
सिन्हा ने एनडीटीवी से कहा, "हर सुबह, वे (कांग्रेस नेता) आते हैं और झूठ फैलाते हैं. उनके पास करने के लिए कुछ नहीं है. नई यूपीएस पर एक साल से अधिक समय से काम चल रहा है. वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने इसे अंतिम रूप देने से पहले 100 से अधिक बैठकें कीं. कांग्रेस के विपरीत, जो बहुत जल्दबाजी में सोचती है और जहां वह सत्ता में हैं, वहां वित्तीय मामलों में गड़बड़ी करती है. तेलंगाना और कर्नाटक में केंद्र सरकार महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले सावधानी बरतती है."
10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन की गारंटी
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यूपीएस को मंजूरी दी गई. नई पेंशन योजना में न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर प्रति माह 10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी दी गई है.
इस वैकल्पिक योजना से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और अगर राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होना चाहेंगी तो यह संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी.
पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था. महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी के साथ यह राशि बढ़ती रहती है. ओपीएस वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं है क्योंकि यह अंशदायी नहीं है और सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता रहता है.
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