जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुंछ जिले में आज सुबह आतंकवाद विरोधी अभियान में दो पुलिसकर्मी और सेना का एक जवान घायल हो गया. अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में रविवार सुबह एक जंगल में सेना और पुलिस संयुक्त तलाशी अभियान चला रही थी तभी आतंकवादियों ने उन पर फायरिंग (Security Forces Terrorist encounter) शुरू कर दी. इस गोलीबारी के बाद जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया और ताजा मुठभेड़ शुरू हो गई. हालांकि सुरक्षाबलों का कहना है कि आतंकियों (Poonch Encounter) को बेहद कम इलाके में घेर लिया गया है और वो 1-2 दिन के मेहमान हैं.
पुंछ के भट्टा दूरियां के जंगल मे सेना की आतंकियों के साथ सुबह से भारी गोलाबारी हो रही है. फायरिंग में पुलिस के दो जवान और सेना का एक जवान घायल हो गए हैं. आतंकियों के साथ पिछले 14 दिनों से जारी मुठभेड़ अब अंतिम चरण है. सेना के सूत्रों का कहना है कि सेना ने आतंकियों को बहुत कम हिस्से में घेर लिया है. अब किसी भी वक्त फाइनल हमला हो सकता हैय इस मुठभेड़ में पहले ही सेना के दो जेसीओ समेत नौ जवान शहीद हो चुके हैं.
लिहाजा सेना बहुत फूंक फूंक कदम उठा रही है ताकि अब कोई उसका नुकसान ना हो भले ही एनकाउंटर कितना लंबा खिंच जाए. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे 19 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर से पुंछ में चल रही मुठभेड़ का मुआयना किया था. जंगलों में 10 अक्टूबर से ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है. पहले पुंछ के डेरा वाली गली में 10 अक्टूबर की रात को आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमे एक जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए. इसके बाद आतंकियों के इसी ग्रुप की तलाश में पुंछ के नार खास के जंगलों में 14 अक्टूबर को सेना के जवान गए.
आतंकियों ने घात लगाकर सेना पर हमला किया. इस हमले से दो जवान फिर शहीद हो गए. एक जेसीओ और एक जवान लापता हो गए. इन दोनों का शव 16 अक्टूबर को मिला. सेना डेरा की गली और नार खास के जंगलों में आतंकियों की तलाश करने में जुटी है. सुरक्षा बलों को इन जंगलों में ऐसे गुफा की तरह ठिकाने मिले है जहां आतंकियों छिपे रहते थे. हाल के कई सालों में पहली बार एक एनकाउंटर में सेना ने अपने दो अधिकारियों और सात जवानों को खोया है.
सुरक्षाबलों का कहना है कि ऊंची पहाड़ियों और घने जंगल होने की वजह से करवाई में परेशानी हुई. साथ में बारिश की वजह से चारों ओर धुंध हो गई है, जिस वजह ऑपेरशन में दिक्कत हुई पर अब आतंकी एक दो दिन के मेहमान है.
अधिकारियों ने बताया कि भाटा दुरियां इलाके में जब तलाशी दल एक आतंकवादी ठिकाने के पास पहुंचा तभी फायरिंग हुई, जिसमें दो पुलिसकर्मी, सेना का एक जवान और एक आतंकवादी घायल हो गया. लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी ज़िया मुस्तफा पिछले कई वर्षों से कोट बलवाल जेल में बंद था और शुक्रवार को ही पुलिस ने उसे 10 दिन के रिमांड पर लिया था, ताकि उसकी निशानदेही पर आतंकी ठिकाने की पहचान हो सके.
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रहने वाले ज़िया मुस्तफा ने 15 साल पहले घुसपैठ की थी और वह जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद था. ऐसी खबरें थीं कि वह जेल से ही आतंकियों के संपर्क में था. पुलिस ने शुक्रवार को जिया को 10 दिनों के रिमांड पर लिया और पुंछ के मेंढर ले जाया गया.
क्या कोई जानता है, कश्मीर में क्या हो रहा है?
सेना पिछले 14 दिनों से इस क्षेत्र में सबसे लंबे और कठिन आतंकवाद विरोधी अभियान में लगी हुई है. इस दौरान अब तक दो अधिकारियों समेत नौ जवानों की मौत हो चुकी है.