- असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में एक दो महीने का हाथी का बच्चा अपनी मां से बिछड़ गया.
- स्थानीय लोगों ने हाथी के बच्चे को अकेला देखकर वन अधिकारियों को सूचित किया
- वन कर्मचारियों ने हाथी के बच्चे को उसकी मां से मिलाने का प्रयास शुरू किया
- पशु चिकित्सक की टीम ने बच्चे पर मां के गोबर का लेप लगाया ताकि उसकी मां उसे गंध से पहचान ले
असम के काजीरंगा नेशनल पार्क से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर आपकी आंखों में खुशी के आंसू आ जाएंगे. दो महीने का हाथी का बच्चा जो अपनी मां से बिछड़ गया था, उसे वापस से अपना परिवार मिल गया. दरअसल हाथी का ये बच्चा अपने झुंड से अलग हो गया था. अलग होकर ये काजीरंगा नेशनल पार्क के पास बोरजुरी गांव में पहुंच गया. स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना तुरंत वन अधिकारियों को दी और बताया कि उन्हें एक हाथी का बच्चा अकेले मिला है. फिर क्या था वन कर्मचारियों ने बिछड़े बच्चे को उसकी मां से मिला का मिशन शुरू कर दिया.
बच्चे के ऊपर लगाया गया मां के गोबर का लेप
अधिकारियों की टीम गांव पहुंची और बच्चे को अपने साथ काजीरंगा नेशनल पार्क ले आया. इस दौरान उसका खूब ध्यान भी रखा गया. जानकारी के अनुसार पशु चिकित्सक डॉ. भास्कर चौधरी के नेतृत्व में एक बचाव दल ने बच्चे को उसके मां से मिलाने के लिए तुरंत एक्शन लिया. हाथी के बच्चे को उसकी मां के पास ले जाने से पहले उसके ऊपर मां के गोबर का लेप लगाया गया. उसके बाद उसे छोड़ दिया गया. कुछ देर बाद वो अपनी मां से मिला और दोनों जंगल के अंदर चले गई.
दिल को छू लेने वाला ये वीडियो भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी सुशांत नंदा ने एक्स पर साझा किया. वीडियो में, एक वन अधिकारी को हाथी के बच्चे के ऊपर उसकी मां के गोबर को रगड़ते हुए देखा जा सकता है. गोबर इतनी लगाया गया ताकि उससे आ रही इंसान की गंध को छिपाया जा सके और उसकी मां अपने बच्चे को पहचान ले.
सुशांत नंदा ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा "छोटू काजीरंगा में मां से बिछड़ गया था. बाद में वह अपनी मां से मिल गया. वन अधिकारियों ने मानवीय गंध को खत्म करने के लिए उसपर मां का गोबर लगाया. बता दें काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 2,200 से अधिक भारतीय एक सींग वाले गैंडों का घर है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 1908 में बनाया गया था और साल 1985 में, इस पार्क को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.