सोमवार को भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती पर भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में हुआ. इस मौके पर दो तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. एक जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बुजुर्ग के पैर छूते रहे हैं, दूसरे में एक अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के साथ चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथ को रोकते नज़र आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर दूसरी तस्वीर को लेकर खासी चर्चा हो रही है, कई लोग लिख रहे हैं कि पीएमओ के अधिकारी ने फ्रेम में आने की वजह से मुख्यमंत्री को रोक दिया लेकिन क्या ये सच है, जवाब है नहीं. दरअसल जो अधिकारी मुख्यमंत्री का हाथ पकड़ते दिख रहे हैं वो भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया हैं.
अब जानिये पहली तस्वीर से इसका रिश्ता क्या है - दरअसल प्रधानमंत्री 101 साल के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मी नारायण गुप्ता से मिलने वाले थे. पहले प्रदर्शनी स्थल के बीच में उन्हें मिलवाने का कार्यक्रम तय था लेकिन बाद में एसपीजी के ऐतराज पर इस कार्यक्रम को कमरे के आखिरी में रखा गया.
वहीं लक्ष्मी नारायण गुप्ताजी के लिये कुर्सी लगाई गई, आनन-फानन में कलेक्टर यही जानकारी मुख्यमंत्री को देने आए थे. प्रधानमंत्री मोदी ने लक्ष्मी नारायण जी से उनका हाल चाल पूछा और किसी भी ज़रूरत के लिये उन्हें बताने को कहा. लक्ष्मी नारायण गुप्ता मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं, उन्हें यहां नन्ना के नाम से पुकारा जाता है.
प्रधानमंत्री भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस पर हुए समारोह में हिस्सा लेने आए थे. बीजेपी ने यहां ढाई लाख से ज्यादा आदिवासियों की भीड़ जुटने का दावा किया था. समारोह के लिए मध्य प्रदेश के 52 जिलों से बसों के जरिये तमाम जनजातीय समुदाय के लोगों को लाया गया था. इस आयोजन पर 23 करोड़ के करीब रकम खर्च करने को लेकर भी सवाल उठे थे.
जनजातीय गौरव दिवस पर बोले PM मोदी, कहा- 10 फीसद होने के बावजूद हमेशा किया नजरअंदाज