ट्रंप और मोदी में आखिर क्‍यों इतनी बनती है, दोनों नेताओं में क्या है कॉमन

ट्रंप एक सफल बिजनेसमैन रहे हैं, तो पीएम मोदी चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय कर चुके हैं. दोनों ही नेताओं में आम जनता से जुड़ने और उनकी नब्ज़ समझने की अद्भुत क्षमता है. पीएम मोदी की 'मन की बात' और रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ इस बात का सबूत है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनने की बधाई दी.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. इन दोनों नेताओं में कुछ ऐसी समानताएं हैं, जो इन्हें दुनिया के अन्य नेताओं से अलग पहचान दिलाती है. दोनों ही नेता कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. पीएम मोदी ने भारत में नोटबंदी, धारा 370 हटाने, सर्जिकल स्ट्राइक, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और तीन तलाक को अपराध बनाने जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए. वहीं, ट्रंप ने भी अमेरिका में कई व्यापार समझौतों को बदला, ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग किया और मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का फैसला लिया.

'राष्ट्र सर्वोपरि' की भावना

नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के अंदर  'राष्ट्र सर्वोपरि' की भावना है. पीएम मोदी 'मेक इन इंडिया', 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अभियानों के ज़रिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो ट्रंप ने 'अमेरिका फर्स्ट' और 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के नारे के साथ अमेरिकी हितों को सबसे ऊपर रखा.

अवैध घुसपैठियों के खिलाफ

दोनों ही नेता अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर काफी सख्त रहे हैं. मोदी सरकार ने जहां NRC और CAA जैसे कानून लाकर अवैध घुसपैठियों पर लगाम लगाने की कोशिश की, वहीं ट्रंप ने मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने और अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर निकालने की बात कहकर इस मुद्दे को हवा दी.

Advertisement

शांति की चाह

भले ही ये दोनों नेता अपनी सख्ती के लिए जाने जाते हों, लेकिन ये शांति के भी पक्षधर हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर इजरायल-हमास संघर्ष, दोनों ने ही शांति की अपील की. ट्रंप ने तो उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मुलाकात करके सबको चौंका दिया था.

Advertisement

देश की अर्थव्यवस्था प्राथमिकता

बिजनेस और अर्थव्यवस्था दोनों की प्राथमिकता में है. पीएम मोदी ने 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में भारत की स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठाए, तो ट्रंप ने टैक्स कटौती और व्यापारिक सुधारों पर ज़ोर दिया. कोविड महामारी के दौरान दोनों ने राहत पैकेज भी दिए.

Advertisement

जनता से सीधा जुड़ाव

ट्रंप एक सफल बिजनेसमैन रहे हैं, तो पीएम मोदी चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय कर चुके हैं. दोनों ही नेताओं में आम जनता से जुड़ने और उनकी नब्ज़ समझने की अद्भुत क्षमता है. पीएम मोदी की 'मन की बात' और रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ इस बात का सबूत है.

Advertisement

विरासत की राजनीति को चुनौती

भारत में मोदी ने गांधी परिवार के दबदबे को कम करने की कोशिश की, तो वहीं अमेरिका में ट्रंप ने बुश, क्लिंटन, ओबामा और बाइडेन जैसे राजनीतिक परिवारों को चुनौती दी. दोनों नेताओं ने जनता का दिल जीतकर देश की सत्ता हासिल की है. 

विरोधियों और मीडिया का निशाना

दोनों ही नेताओं को अपने-अपने देशों में विपक्ष और मीडिया के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. उन्हें तानाशाह, विभाजनकारी, संविधान के लिए खतरा, लोकलुभावन और यहाँ तक की 'हिंदू राष्ट्रवादी' और 'अमेरिका फर्स्ट' जैसे आरोप भी झेलने पड़े. इसके अलावा दोनों ही नेता अपने भाषणों में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना जगाने में माहिर हैं. दोनों ही नेता योग और स्वस्थ जीवन शैली के समर्थक हैं. पीएम मोदी तो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रणेता भी हैं. ये थीं कुछ समानताएं जो मोदी और ट्रंप को एक दूसरे के करीब लाती हैं. 

ये भी पढ़ें-अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का कमबैक और बदलावों का दौर, अगले 100 दिनों में क्या होने जा रहा है?

Featured Video Of The Day
Donald Trump On Panama Canal and Mars: अच्छा हुआ America नहीं आए China के President Jinping!
Topics mentioned in this article