'क्‍या बीजेपी MLA ने तालिबान स्‍टाइल में हिंसा करने का भाषण दिया था' : SC का त्रिपुरा सरकार से सवाल 

सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से पूछा है कि क्या BJP विधायक ने तालिबान स्टाइल में हिंसा करने का भाषण दिया था? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अगर दिया है तो विधायक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से चुनाव वाले क्षेत्र में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी विचार करने को कहा है.

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त्रिपुरा हिंसा : एक बीजेपी विधायक ने कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से टीएमसी नेताओं पर हमला करने को कहा (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

त्रिपुरा चुनावी हिंसा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से पूछा है कि क्या BJP विधायक ने तालिबान स्टाइल में हिंसा करने का भाषण दिया था? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अगर दिया है तो विधायक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ? सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से चुनाव वाले क्षेत्र में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी विचार करने को कहा है. मामले पर अब 3.45 बजे सुनवाई होगी.  सुनवाई के दौरान त्रिपुरा की ओर से महेश जेठमलानी ने कहा कि हमें नहीं लगता कि ये हिंसा को उकसाने का भाषण था. विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया भी गया है. दूसरी ओर, TMC की तरफ से जयदीप गुप्ता ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि डर के चलते CPM ने अपने उम्मीदवारी वापस ले ली. अगर हम खड़े नहीं हुए को वहां कोई विपक्ष नहीं हो्गा. दरअसल TMC का आरोप है कि 18 अगस्त को त्रिपुरा के बीजेपी विधायक अरुण चंद्र भौमिक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 'तालिबानी स्टाइल' में TMC  नेताओं पर हमला करने को कहा था.गौरतलबब है कि त्रिपुरा चुनावों में हिंसा को लेकर TMC की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है . पार्टी ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को आदेशों को बावजूद त्रिपुरा में चुनावों को दौरान हालात खराब हो रहे हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा के अफसरों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करे. 

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सुनवाई के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) की  ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को कुछ तस्वीरें दी गईं. टीएमसी की ओर से वकील जयदीप गुप्‍ता  ने कहा कि त्रिपुरा में  बहुत गंभीर स्थिति है. पुलिस है और कुछ नहीं कर रही है.पत्रकार की पिटाई की गई है. नारे लगाने के लिए पार्टी की सदस्‍य सयोनी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. पीड़ित होने के बावजूद उन्‍हें हत्या के प्रयास के आरोप का सामना करना पड़ रहा है. TMC के वकील ने कहा कि उनके पास कई वीडियो भी हैं.  मतदाताओं को प्रभावित किया जा रहा है क्योंकि राज्य कि मशीनरी और पुलिस काम नहीं कर रही. गौरतलब है कि स्थानीय निकाय के चुनाव का मतदान 25 को है. मामले में त्रिपुरा सरकार के लिए पेश हुए वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि यह याचिकाएं राजनीति से प्रेरित हैं. हाईकोर्ट इस मामले में गौर कर रहा है जिसने सितंबर में नोटिस जारी किया था. जेठमलानी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं कि ओर से हाईकोर्ट में मामले को टालने की मांग की गई थी और अब सुप्रीम कोर्ट से तत्काल आदेश जारी करने कि मांग की जा रही है

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जेठमलानी ने TMC पर आरोप लगाते हुए कहा, 'हम अनुपालन रिपोर्ट के साथ तैयार हैं. उनका कहना है कि गिरफ्तारी नहीं हो रही है, हर घटना में FIR दर्ज की जा रही है.कुछ मामलों में गिरफ्तारी नहीं की जा रही है क्योंकि वे गंभीर नहीं है. बड़ी अजीब बात है, जब अदालतें छुट्टी पर हैं और कुछ हुआ ही नहीं.आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. अचानक उनके सामने कई घटनाएं आ जाती हैं.' सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़ ने त्रिपुरा सरकार से पूछा, 'आज से मतदान और मतों की गिनती तक निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, सुरक्षा के क्या इंतजाम किए जाएंगे.'जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'तस्वीर में दिखायी दे रहा है कि रैली के दौरान यह घटना हुई. ऐसी स्थिति को क्या कहेंगे. हम चाहते हैं निष्पक्ष और सही चुनाव हो. SC ने त्रिपुरा के वकील से कहा,' हमें बताएं कि आज चुनाव प्रचार, मतदान से पहले और बाद की प्रक्रिया और चुनाव परिणामों तक सुरक्षा के क्या इंतजाम होंगे. DGP और गृहसचिव इस बारे में ब्‍यौरा दें.अर्धसैनिक बलों की जानकारी भी दी जाए.'

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