त्रिपुरा के एक मंत्री की लोकतंत्र की बात करने से पहले "गोमूत्र से मुंह धोएं" टिप्पणी ने विपक्ष को विरोध करने का नया कारण दे दिया है. राज्य के कानून मंत्री रतनलाल नाथ ने प्रदेश में होने वाले आगामी चुनावों के लिए माकपा और कांग्रेस के प्रस्तावित सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए रविवार को यह टिप्पणी की थी. भाजपा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "विपक्षी दलों को लोकतंत्र की बात करने से पहले अपना मुंह गोमूत्र से धोना चाहिए. उन्होंने त्रिपुरा में अपने पिछले शासन के दौरान हिंसा और अशांति के अलावा किया क्या था."
मंत्री कांग्रेस महासचिव डॉ. अजय कुमार के हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे कि सभी भाजपा विरोधी दलों को "लोकतंत्र और संविधान को पुनर्जीवित करने" के लिए एक मंच पर आने की जरूरत है.
वामपंथी और कांग्रेस नेताओं ने पहले आरोप लगाया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत त्रिपुरा में "लोकतंत्र खतरे में है."
सीपीएम के महासचिव जितेंद्र चौधरी ने नाथ के बयान की तीखी आलोचना की और कहा कि यह उन लोगों के लिए स्वाभाविक था जो नियमित रूप से "गौमूत्र पीते हैं, जो गणतंत्र के उल्लेख से चिढ़ जाते हैं."
भाजपा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया था कि विपक्षी दलों ने त्रिपुरा में अपने शासन के दौरान गुंडों द्वारा समर्थित सरकार चलाई थी.
वाम मोर्चे शासन के दौरान कथित तौर पर सीपीएम समर्थित गुंडों द्वारा मारे गए कांग्रेस समर्थकों के नामों की चर्चा करते हुए नाथ ने कहा, "वे परिमल सेन, निताई देबनाथ, बिशु साहा, सदन देबनाथ, रुनू बिस्वास, परिमल साहा, मधुसूदन साहा, देबल देब, मंटू दास और अन्य को क्या जवाब देंगे."
नाथ 2017 में भाजपा में आने से पहले 34 साल तक कांग्रेस के नेता थे.
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