- तृणमूल कांग्रेस ने अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में संसदीय दल का नया नेता नामित किया है.
- अभिषेक बनर्जी ममता बनर्जी के भतीजे हैं और पार्टी में दूसरे नंबर के नेता के रूप में माने जाते हैं.
- ममता बनर्जी ने सांसदों से कहा कि सुदीप बंदोपाध्याय के स्वस्थ होने तक अभिषेक लोकसभा में नेतृत्व संभालेंगे
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद अभिषेक बनर्जी को सोमवार को लोकसभा में संसदीय दल का नया नेता नामित किया. वह तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय का स्थान लेंगे, जो कई महीनों से अस्वस्थ हैं. यह निर्णय संसद के दोनों सदनों के तृणमूल सांसदों की डिजिटल तरीके से आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की. ममता बनर्जी कोलकाता से बैठक में डिजिटल तरीके से शामिल हुईं.
तीन बार के सांसद अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं और उन्हें पार्टी में दूसरे नंबर के नेता के रूप में देखा जाता है. वह अब लोकसभा में पार्टी की रणनीति और समन्वय का ऐसे समय में नेतृत्व करेंगे जब विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर निर्वाचन आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पहल से लेकर देश के कुछ हिस्सों में बंगाली प्रवासियों पर कथित हमलों तक के मुद्दों पर दबाव बढ़ा रहा है. सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्टी सांसदों से कहा, ‘‘सुदीप बंदोपाध्याय के पूरी तरह स्वस्थ होने तक अभिषेक बनर्जी लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करेंगे.''
डायमंड हार्बर से तीन बार के सांसद अभिषेक बनर्जी कोलकाता उत्तर से सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय का स्थान लेंगे जो 2011 से इस पद पर थे. ममता बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि काकोली घोष दस्तीदार निचले सदन में सांसदों के बीच दिन-प्रतिदिन के समन्वय की प्रभारी होंगी.
कल्याण बनर्जी ने पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफ़ा दिया
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी, जो पहले सदन में समन्वय प्रभारी थे, को भी उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है. कल्याण बनर्जी ने पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. यह कदम कुछ वरिष्ठ सांसदों के बीच आंतरिक मतभेद और मनमुटाव की सुगबुगाहट के बाद उठाया गया है.
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी कथित तौर पर लोकसभा में पार्टी सांसदों के बीच हाल ही में एकजुटता की कमी से नाखुश थीं. जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी ने बैठक में कहा, ‘‘राज्यसभा का काम अच्छा चल रहा है, लेकिन लोकसभा सदस्यों का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा है। सुदीप बंदोपाध्याय अस्वस्थ हैं और सौगत रॉय भी. वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति में समन्वय चरमरा गया है.''
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘नेतृत्व को संसद में और अधिक सक्रिय उपस्थिति की आवश्यकता महसूस हुई। सुदीप बंदोपाध्याय एक सम्मानित वरिष्ठ नेता बने हुए हैं, लेकिन अभिषेक की पदोन्नति संसद में पार्टी के हस्तक्षेप को मजबूती प्रदान करने के पार्टी के इरादे को दर्शाती है.'' राजनीतिक विश्लेषक इस कदम को एक स्पष्ट संकेत के रूप में देख रहे हैं कि पार्टी अभिषेक बनर्जी को राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका के लिए तैयार कर रही है.
डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी पहले से ही बंगाल के बाहर पार्टी के विस्तार के प्रभारी हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह इस साल की शुरुआत में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सरकार के राजनयिक संपर्क के तहत जापान गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे, जो उनकी क्षमताओं में बढ़ते द्विदलीय विश्वास का संकेत देता है.
पक्षी दलों में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी
तृणमूल कांग्रेस 29 लोकसभा सदस्यों के साथ भारत के विपक्षी दलों में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है और विपक्षी गठबंधन के भीतर सदन में समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वहीं, एक अन्य पार्टी नेता ने कहा, ‘‘अभिषेक की नियुक्ति पार्टी की संसदीय रणनीति में एक पीढ़ीगत बदलाव का प्रतीक है. यह उनके नेतृत्व कौशल में विश्वास का भी संकेत है.''
हालांकि, इस फेरबदल के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को कारण बताया जा रहा है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि इसका उद्देश्य नियंत्रण स्थापित करना और आंतरिक खींचतान को कम करना भी है, खासकर ऐसे समय में जब भाजपा और कांग्रेस-वाम गठबंधन से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच तृणमूल कांग्रेस 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बाद में शाम को ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सभी सांसदों के साथ एक डिजिटल बैठक की. चूंकि हमारे लोकसभा में हमारे नेता सुदीप बंदोपाध्याय अस्वस्थ हैं और उनका इलाज चल रहा है, इसलिए सांसदों ने सर्वसम्मति से अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में तब तक पार्टी का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है जब तक सुदीप दा स्वस्थ नहीं हो जाते.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम सुदीप दा के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं और आशा करते हैं कि संसदीय कार्यवाही का अनुभव और गहन ज्ञान से समृद्ध उनका मार्गदर्शन हमें आगे भी प्राप्त होता रहेगा.''