तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की कृष्णानगर उम्मीदवार अमृता रॉय के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई. भाजपा ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.
तृणमूल कांग्रेस ने मोदी और रॉय के बीच बुधवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया, जिसके दौरान प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों का उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल में गरीब लोगों से कथित तौर पर ‘‘लूटे'' गए और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये जनता को वापस किए जाएंगे.
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि यह लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने का एक प्रयास है. आयोग को लिखे पत्र में तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया किया कि प्रधानमंत्री का बयान मतदाताओं को आर्थिक लाभ के जरिये अनुचित तरीके से प्रभावित करने का एक प्रयास था.
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने रॉय पर प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान ‘‘सांप्रदायिक टिप्पणी'' करने का भी आरोप लगाया. पत्र में रॉय की टिप्पणियों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें उनके शाही परिवार को ‘‘गद्दार'' करार दिए जाने और महाराजा कृष्णचंद्र रॉय के ‘‘सनातन धर्म'' के संरक्षण के संबंध ऐतिहासिक जुड़ाव का जिक्र था. तृणमूल ने रॉय की टिप्पणियों को आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया.