उत्तराखंड के जागेश्वर धाम के पास बादल फटने की खबर है. मंदिर के पास बाढ़ का नजारा दिखाई दे रहा है. इस बारे में अधिक जानकारी का इंतजार है. उत्तराखंड के कई इलाकों में बुधवार को बारिश हुई. इससे नदी-नालों में उफान आ गया है. हरिद्वार में शाम को हुई मूसलाधार बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया और खड़खड़ी सूखी नदी में पानी भरने से कांवड़ियों का एक वाहन बह गया. कई स्थानों पर रात में भी बारिश का क्रम जारी है.
हरिद्वार में कई इलाकों में सड़कें पानी में डूब गईं और कनखल थाने में भी बरसात का पानी घुस गया. तीन घंटे की भारी बारिश की वजह से पानी का बहाव इतना बढ़ा कि खड़खड़ी सूखी नदी में डाक कांवड़ियों का एक ट्रक भी बह गया. पिछले महीने की 25 तारीख को भी भारी बारिश से इसी सूखी नदी में खड़े करीब एक दर्जन चार पहिया वाहन बह गए थे.
बारिश से भूपतवाला, हरिद्वार, नया हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर की कई कॉलोनियों और बाजारों में पानी भर गया. शहर में अधिकतर सड़कों पर नदियों की तरह पानी बहने लगा. हरिद्वार के पॉश व्यावसायिक क्षेत्र रानीपुर मोड़ पर भी सड़कों पर भारी जल जमाव हुआ जबकि यहां कई बड़े-बड़े शोरूमों में पानी घुस गया. कनखल के लाटोवाली में तीन से चार फुट तक पानी भर गया.
सड़कों पर काफी पानी आ जाने से प्रशासन को कई जगह कांवड़ियों के मार्ग में बदलाव भी करना पड़ा. खड़खड़ी में सूखी नदी में डाक कांवड़ियों के वाहन के बहने पर पुलिस ने कहा कि ट्रक में कांवड़िये नहीं थे, लेकिन उसमें रसद और वापसी का जरूरी सामान था. कांवड़ियों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने यहां ट्रक खड़ा किया तो उन्हें किसी ने यहां पानी आने के बारे में नहीं बताया.
खड़खडी पुलिस चौकी प्रभारी संजीत कंडारी ने बताया कि ट्रक श्मशान घाट तक बहते हुए देखा गया है. फिलहाल बारिश के साथ साथ पहाड़ों से पानी का आना जारी है. उन्होंने कहा कि बारिश रूकने के बाद ट्रक को बाहर निकाला जाएगा.
उत्तराखंड के गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग पर भी भारी बारिश और बादल फटने से मंदाकिनी नदी में जलस्तर बढ़ गया है. नदी किनारे की इमारतों को खाली करा लिया गया है और प्रशासन अलर्ट पर है.
(इनपुट एजेंसियों से)