World's Strongest Currency List: ग्लोबल ट्रेड के लिए करेंसी को लाइफलाइन के रूप में देखा जाता है. यह किसी देश की आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है. किसी देश की करेंसी की ताकत उस देश की स्थिरता और मजबूत फाइनेंशियल हेल्थ का प्रमाण है. जैसे-जैसे किसी देश की करेंसी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे उसकी अर्थव्यवस्था को लेकर विश्वास बढ़ता है. करेंसी के बढ़ने से बेहतर निवेश आकर्षित होता है और इंटरनेशनल पार्टनरशिप को बढ़ावा मिलता है. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने आधिकारिक तौर पर दुनिया भर में 180 करेंसी को लीगल टेंडर के रूप में मान्यता दी है. इनमें से कुछ करेंसी काफी फेमस हैं और इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है. लेकिन इसका मतलब नही है कि उनका मूल्य सबसे ज्यादा है या वह सबसे स्ट्रांग करेंसी है.
फोर्ब्स ने भारतीय रुपये के साथ-साथ यूएसडी की तुलना में दुनिया की 10 सबसे मजबूत करेंसी की एक लिस्ट जारी की है, इसके साथ ही उन कारकों के बारे में भी बताया है जो करेंसी की स्थिति को प्रभावित करते हैं.
ये है दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी की लिस्ट
फोर्ब्स के अनुसार, इस लिल्ट में पहला स्थान कुवैती दीनार का है. एक कुवैती दीनार ₹270.23 और $3.25 के बराबर है. इसके बाद बहरीन दीनार आता है, जिसका मूल्य ₹ 220.4 और $ 2.65 है. इसके बाद लिस्ट में ओमानी रियाल (215.84 रुपये और $ 2.60) है, इसके बाद जॉर्डनियन दीनार (117.10 रुपये और $ 1.141), जिब्राल्टर पाउंड (105.52 रुपये और $ 1.27), ब्रिटिश है. पाउंड (105.54 रुपए और 1.27 रुपए), केमैन आइलैंड डॉलर (99.76 रुपए और 1.20 डॉलर), स्विस फ्रैंक (97.54 रुपए और 1.17 रुपए) और यूरो (90.80 रुपए और 1.09 रुपए).
अमेरिकी डॉलर रैंकिंग में 10वें स्थान पर
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिकी डॉलर एक यूएसडी के साथ लिस्ट में आखिरी स्थान पर है और इसका मूल्य ₹ 83.10 है. फोर्ब्स ने रैंकिंग के बारे में बताते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर वैश्विक स्तर पर सबसे व्यापक रूप से कारोबार की जाने वाली करेंसी है. अपनी लोकप्रियता के बावजूद, यह दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी की रैंकिंग में 10वें स्थान पर है.
भारतीय रुपया 82.9 प्रति डॉलर के साथ 15वें नंबर पर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वेबसाइट पर प्रकाशित बुधवार की एक्सचेंज रेट के अनुसार, भारतीय रुपया 82.9 प्रति अमेरिकी डॉलर के मूल्य के साथ 15वें स्थान पर है. कुवैती दिनार, जो टॉप स्थान पर है, 1960 में पेश किए जाने से लगातार दुनिया की सबसे मूल्यवान करेंसी है. इस करेंसी की सफलता के पीछे का कारण कुवैत की आर्थिक स्थिरता है, जो इसके तेल भंडार और टैक्स-फ्री सिस्टम द्वारा संचालित है.
ये है दुनिया की सबसे स्थिर करेंसी
फोर्ब्स ने यह भी कहा कि स्विस फ्रैंक, स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन की करेंसी को व्यापक रूप से दुनिया की सबसे स्थिर करेंसी माना जाता है. बता दें कि यह लिस्ट 10 जनवरी, 2024 तक करेंसी प्राइस पर आधारित है,इसके मूल्यमें आगे उतार-चढ़ाव हो सकता है.
करेंसी को प्रभावित करने वाले कारक
किसी देश की करेंसी की मजबूती, सप्लाई एंड डिमांड, ब्याज दरों और मुद्रास्फीति से लेकर भू-राजनीतिक स्थिरता तक के कारकों से प्रभावित होती है. किसी देश की करेंसी न सिर्फ उस देश की परचेजिंग पावर को बढ़ाती है बल्कि ग्लोबली इसकी क्रेडेबिलिटी को भी बताती है.यह दुनिया भर के वित्तीय बाजारों को दिशा देने का काम करती है.