केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित तौर पर पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में शनिवार को कोलकाता समेत विभिन्न स्थानों पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के ठिकानों पर छापे मारे. TMC इसे भाजपा की हताश चाल बता रही है. कथित कैश-फॉर-क्वेरी मामले में पार्टी नेता महुआ मोइत्रा के परिसरों पर चल रही सीबीआई छापेमारी को "प्रतिशोध की राजनीति" और चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा द्वारा एक हताश चाल करार दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की एक टीम शनिवार तड़के कोलकाता और अन्य शहरों में महुआ मित्रा के ठिकानों पर पहुंची और छापेमारी प्रक्रिया की जानकारी देकर कार्रवाई शुरू की. सीबीआई ने लोकपाल के निर्देश पर बृहस्पतिवार को मोइत्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. लोकपाल ने एजेंसी को छह महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. मोइत्रा को 'अनैतिक आचरण' के लिए दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
यह प्रतिशोध की राजनीति है
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा हर से विरोधियों को दबाने की कोशिश कर रही है. सेन ने कहा, "जब आदर्श आचार संहिता लागू है, तो भाजपा अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगियों, सीबीआई और ईडी को हमारे उम्मीदवारों पर छापा मारने के लिए भेज रही है. चुनाव आयोग को इस पर गौर करना चाहिए."
यह निराधार है
सेन के आरोपों को भाजपा पूरी तरह से नकार रही है. भाजपा इसे आधारहीन कह रही है. पश्चिम बंगाल के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, जब भी सीबीआई और ईडी तृणमूल पार्टी के नेताओं पर छापा मारता है तो टीएमसी के नेता रोने लगते हैं. उन्होंने कहा कि मोइत्रा ने जो किया है, वो लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है. सच्चाई ये है कि टीएमसी भ्रष्टाचार में संलिप्त है.