ममता या अधीर - बंगाल में किसकी जिद ने तोड़ी 'INDIA' की एकता...? क्या राहुल कर पाएंगे 'डैमेज कंट्रोल'

इंडिया गठबंधन की शुरूआत से ही अधीर रंजन चौधरी टीएमसी और कांग्रेस गठबंधन के विरोधी रहे हैं. वहीं वो वामदलों के साथ गठबंधन की वकालत करते रहे हैं.

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नई दिल्ली:

पिछले लगभग एक साल से चल रहे विपक्षी गठबंधन की कवायद को बुधवार को बड़ा झटका लगा. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. जानकार गठबंधन टूटने के पीछे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी की जिद को अहम कारक बता रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल में पार्टी के सबसे बड़े नेता चौधरी, इंडिया गठबंधन की शुरूआत से ही टीएमसी और कांग्रेस गठबंधन के विरोधी रहे हैं.

चौधरी वामदलों के साथ गठबंधन की वकालत करते रहे हैं. हालांकि इंडिया गठबंधन की बैठकों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ ममता बनर्जी काफी गर्मजोशी से मिलती रही थी. लेकिन वहीं बंगाल में अधीर रंजन चौधरी लगातार बंगाल में टीएमसी पर हमलावर रहे थे. 

कांग्रेस और टीएमसी के रिश्ते उस समय बिगड़ गए जब कांग्रेस नेता ने ममता बनर्जी को "अवसरवादी" नेता बताया. और इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है.


चुनाव कैसे लड़ना है कांग्रेस जानती है : अधीर रंजन चौधरी

चौधरी ने कहा था कि सीट बंटवारे पर बातचीत के तहत तृणमूल कांग्रेस को बंगाल में केवल दो सीटों की पेशकश कर रही है. उन्होंने कहा था "चुनाव ममता बनर्जी की दया पर नहीं लड़ा जाएगा.  कांग्रेस ने उन दो सीटों पर बीजेपी और टीएमसी को हरा दिया है जो ममता बनर्जी दे रही हैं.  कांग्रेस पार्टी जानती है कि चुनाव कैसे लड़ना है.  उन्होंने मीडिया से कहा कि ममता बनर्जी अवसरवादी हैं, वह 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आई थीं. 

राहुल गांधी डैमेज कंट्रोल का किया था प्रयास

हालांकि बंगाल कांग्रेस प्रमुख की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि ममता बनर्जी मेरी और हमारी पार्टी की बहुत करीबी हैं. कभी-कभी हमारे नेता कुछ कहते हैं, उनके नेता कुछ कहते हैं और यह चलता रहता है. यह एक स्वाभाविक बात है.  इस तरह की टिप्पणियों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और ये ऐसी चीजें नहीं हैं जो चीजों को बाधित करने वाली हैं. 

ममता बनर्जी ने गठबंधन तोड़ने का किया ऐलान

लगातार चल रहे बयानबाजी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को साफ कर दिया कि उनकी पार्टी राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी. ममता ने साफ कर दिया कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का कोई संबंध नहीं है. ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. चुनाव के रिजल्ट आने के बाद ही कांग्रेस के साथ गठबंधन पर विचार करेगी. 

इंडिया गठबंधन में बड़ी फूट

पिछले लगभग एक साल से जारी प्रयासों के बाद भी इंडिया गठबंधन के घटक दलों में भारी फूट देखने को मिली है.  टीएमसी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी अपने प्रभाव वाले राज्यों में कांग्रेस को सीट देने से इनकार करती रही थी. आज ही पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से अलग हटकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. 

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