तीन दलों का गठबंधन एमवीए बरकरार रहेगा : अजित पवार

अजित ने कहा, ‘‘शरद पवार राकांपा के शीर्ष नेता हैं. वह जो भी फैसला करते हैं, हम उसका पालन करते हैं. उनके इस्तीफे के विषय पर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है.’’

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अजित पवार ने रविवार को कहा कि तीन दलों का गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) बरकरार रहेगा.
पुणे (महाराष्ट्र):

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने रविवार को कहा कि तीन दलों का गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) बरकरार रहेगा और इसकी मजबूती के लिए जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं. अजित ने यह भी कहा कि राकांपा प्रमुख पद से शरद पवार के इस्तीफे और फैसला वापस लेने का विषय खत्म हो गया है और इस मामले पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है.

पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अजित ने शुक्रवार को मुंबई में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपनी अनुपस्थिति को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया, जहां शरद पवार ने राकांपा प्रमुख के रूप में अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा की थी. यह पूछे जाने पर कि क्या शरद पवार के इस्तीफा नहीं देने के फैसले से एमवीए का उत्साह बढ़ा है, अजित ने कहा, ‘‘एमवीए पहले हमसे जुड़ा है. यह गठबंधन कायम है और भविष्य में भी बरकरार रहेगा. संबंधित कार्य (गठबंधन को मजबूत करने के लिए) जारी है.''

एमवीए में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल है. अजित ने पूर्व में अपने चाचा शरद पवार के राकांपा प्रमुख के रूप में पद छोड़ने के फैसले का समर्थन किया था. अजित ने शुक्रवार को अपने चाचा के संवाददाता सम्मेलन से अपनी अनुपस्थिति के मामले को तवज्जो नहीं दी. अजित ने कहा, ‘‘क्या उस संवाददाता सम्मेलन में राकांपा के सभी नेता मौजूद थे? चूंकि, यह मीडिया से बातचीत थी, इसलिए प्रदेश राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल, प्रफुल्ल पटेल सहित केवल चार से पांच नेता और केरल तथा उत्तर भारत के कुछ नेता ही मौजूद थे.''

अजित ने कहा, ‘‘चूंकि संवाददाता सम्मेलन के लिए चार-पांच कुर्सियां ही रखी हुई थीं, पवार साहब ने हमें नहीं आने के लिए कहा. चूंकि यह उनका फैसला था, इसलिए अन्य लोग प्रेस वार्ता में नहीं आए.'' अजित ने कहा कि चूंकि शरद पवार पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं, इसलिए उनके इस्तीफे के मुद्दे पर आगे चर्चा करने की जरूरत नहीं है. अजित ने कहा, ‘‘शरद पवार राकांपा के शीर्ष नेता हैं. वह जो भी फैसला करते हैं, हम उसका पालन करते हैं. उनके इस्तीफे के विषय पर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है.'' पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दबाव के कारण शरद पवार ने शुक्रवार को राकांपा प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले को वापस ले लिया.

शरद पवार ने शनिवार को कहा कि अजित पवार को लेकर भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है. शरद पवार ने सवाल किया, ‘‘कहा जा रहा था कि वह (अजित) भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन क्या ऐसा हुआ?'' राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा था कि अजित पवार वह व्यक्ति हैं, जो जमीन पर काम करना पसंद करते हैं और उनके बारे में अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है. दो मई को, राकांपा में अजित एकमात्र नेता थे, जिन्होंने खुले तौर पर शरद पवार के पद छोड़ने के फैसले का समर्थन किया था, जबकि पूरी पार्टी ने उनसे पुनर्विचार करने की अपील की थी.

मंगलवार को शरद पवार की घोषणा के बाद मुंबई में सभागार में जब राकांपा कार्यकर्ताओं द्वारा फैसले पर पुनर्विचार की मांग तेज होने लगी तो अजित ने पार्टी कार्यकर्ताओं को डांट कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. एक-दो मौकों पर उन्होंने अपना आपा खो दिया.

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