राज्यसभा से तीन और विपक्षी सांसद निलंबित, अब तक कुल 27 सांसद हो चुके हैं निलंबित

इसी निलंबन को लेकर सांसद 50 घंटे का धरना भी दे रहे हैं, जिसके तहत पांच सांसदों ने गर्मी और मच्छरों के बीच संसद परिसर में भी रात गुजारी. ये धरना आज भी जारी है.  

विज्ञापन
Read Time: 20 mins

राज्यसभा से तीन और सांसद किए गए निलंबित (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के बीच जारी है. आज राज्यसभा में विपक्ष के 3 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. अब तक राज्यसभा में 23 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. इन तीन सांसदों में  सुशील कुमार गुप्ता (AAP), संदीप पाठक और अजीत कुमार हैं. बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के कुल 27 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. इस निलंबन को लेकर सांसद 50 घंटे का धरना भी दे रहे हैं, जिसके तहत पांच सांसदों ने गर्मी और मच्छरों के बीच संसद परिसर में भी रात गुजारी. ये धरना आज भी जारी है.

बता दें कि संसद में विरोध प्रदर्शन पर विपक्ष के सांसदों के निलंबन पर विपक्ष के सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया दिखाई. विपक्षी दलों का कहना है कि उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्‍लंघन किया जा रहा है. कांग्रेस का यह भी कहना हैं कि उसे अपने शीर्ष नेतृत्‍व को 'परेशान' करने के लिए जांच एजेंसियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दी जा रही. ऐसा करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं को अरेस्‍ट किया जा रहा है. कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्र ने भारत के सबसे पुरानी पार्टी कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने का प्रयास करके और हंगामा करके अपने नेताओं के लिए 'ढाल' बनने का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को एनडीटीवी से कहा था कि सरकार मूल्‍यवृद्धि और बेरोजगारी पर संसद में चर्चा नहीं चाहती. बाहर, राजनीतिक प्रतिशोध के लिए सोनिया गांधी को जांच एजेंसियां परेशान कर रही हैं. कांग्रेस की सरकारों के दौरान भी विरोध प्रदर्शन हुए थे लेकिन हमने किसी को सस्‍पेंड नहीं किया.' पायलट ने कहा कि कांग्रेस ऑफिस पुलिस चौकी में बदल गया है और कार्यकर्ता वहां भी विरोध नहीं कर सकते. राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सांसदों को निलंबन को गैरकानूनी बताया और कहा, 'लोगों की आवाज को कुचलकर मोदी सरकार को इन अलोकतांत्रिक, एकतरफा कार्रवाई की इजाजत नहीं दी जा सकती.'

Advertisement

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. "चाहे यह महारानी हों या युवराज, कांग्रेस पार्टी अपने को न्‍यायपालिका और कानून से ऊपर मानती हे. वे जांच से क्‍यों बच रहे हैं. जांच पूरी हो जाने लिए इसके बाद ही सच्‍चाई बाहर आएगी." बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा कि कांग्रेस का विरोध, सत्‍याग्रह नहीं है बल्कि सच्‍चाई छुपाने की कोशिश है. वे देश नहीं बल्कि एक परिवार को बचाने के लिए विरोध कर रहे हैं. 

Advertisement

ये Video भी देखें : "बोलने में चूक हुई, माफ़ी का सवाल नहीं": 'राष्ट्रपत्नी' विवाद पर अधीर रंजन चौधरी

Advertisement
Topics mentioned in this article