भारतीय रेलवे में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं. अब यात्रियों की शिकायतों पर तुरंत एक्शन लिया जाता है. ऐसे में यात्रियों को सुखद और सुरक्षित माहौल मिलता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक महिला यात्री की शिकायत पर महज 12 मिनट में कार्रवाई की है. महिला यात्री ने रेलगाड़ी में तीन शराबियों द्वारा हंगामा करने की शिकायत की थी. इससे पहले आरपीएफ ने एक बयान जारी किया था, जिसमें शिकायत पर करीब 45 मिनट में कार्रवाई करने की जानकारी दी गई थी.
वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, "यात्री से शिकायत प्राप्त होने के 12 मिनट के भीतर आरपीएफ ने कार्रवाई की." गायत्री बिश्नोई नाम की महिला यात्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर 20 नवंबर को देर रात दो बजकर 14 मिनट पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह वातानूकुलित द्वितीय श्रेणी डिब्बे में जयपुर से श्रीगंगानगर की यात्रा कर रही थीं, जिसमें तीन व्यक्ति शराब पी रहे थे और एक दूसरे और यात्रियों को अपशब्द कह रहे थे और हंगामा कर रहे थे.
गायत्री, आम आदमी पार्टी (आप) की राजस्थान इकाई की महिला शाखा की अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि झालावाड़ शहर-श्री गंगानगर एक्सप्रेस में कोई आरपीएफ कर्मी नहीं था. उन्होंने वीडियो में यह भी आरोप लगाया कि टिकट निरीक्षक (टीटी) की मदद से उन्होंने आरपीएफ से मामले की शिकायत की, जिसके करीब एक घंटे बाद आरपीएफ कर्मी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए आए.
आरपीएफ ने महिला यात्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें देर रात 12 बजकर 17 मिनट पर शिकायत प्राप्त हुई, जिसपर एक बजकर दो मिनट पर कार्रवाई की गई. आरपीएफ ने स्वीकार किया कि ट्रेन में कोई जवान नहीं था, क्योंकि चुनाव की वजह से उन्हें नियमित काम से हटाकर चुनावी ड्यूटी के लिए लगाया गया था. आरपीएफ ने बिश्नोई पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद वीडियो अपलोड करने का आरोप लगाया, जिसपर बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने वीडियो को अपलोड सिर्फ जागरूकता फैलाने के लिए किया था कि आरपीएफ की ओर से कार्रवाई कितनी देर में हुई.
घटना को दो सप्ताह बीत जाने के बाद वैष्णव ने संवाददाताओं द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि सिर्फ 12 मिनट के भीतर मामले में कार्रवाई की गई.
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