उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस' की प्रोडक्शन यूनिट का शुभारंभ हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के इस पहले साझा डिफेंस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मुझे आपसे बात करके बहुत खुशी हो रही है. मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल होना चाहता था, लेकिन आप जानते हैं कि मैं क्यों नहीं आ सका. हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए मेरे लिए दिल्ली में रहना महत्वपूर्ण था. इसलिए, मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपसे जुड़ रहा हूं.
लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी के उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है. 1998 में इसी दिन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था और दुनिया को भारत की ताकत दिखाई थी. वह परीक्षण हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, रक्षा कर्मियों और कई अन्य हितधारकों के अथक प्रयासों का परिणाम था."
प्लांट की क्या है खासियत
- यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा.
- उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी, योगी सरकार की प्राथमिकता में रहा है.
- उत्तर प्रदेश, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने वाला महज दूसरा राज्य है. उत्तर प्रदेश से पहले तमिलनाडु में 2019 में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किया जा चुका है.
- यूपी और तमिलनाडु दोनों कॉरिडोर 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का हिस्सा हैं, जिनका लक्ष्य रक्षा आयात पर निर्भरता कम करना, स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना और रोजगार सृजन करना है.
- लखनऊ में नई ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन फैसिलिटी शुरू हुई है, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी. यह यूनिट प्रतिवर्ष 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलें बनाएगी.
300 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस यूनिट में ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएगी, जो 290-400 किमी की रेंज और 2.8 मैक की गति से सटीक हमला कर सकती है.
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है, दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है. यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट' सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है.