Nepal और Bangladesh के साथ रेल नेटवर्क को ऐसे मज़बूत करेगा India...

भारत (India) ने कहा कि दक्षिण एशिया (South Asia) के देशों के बीच रेलवे लिंक (Railway Link) का निर्माण होने से ये देश नजदीक आ रहे हैं और इनके बीच आपसी संपर्क भी बढ़ रहा है. विदेश सचिव ने कहा कि भारत के लिए उसकी सभी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में पड़ोस सबसे पहले आता है.

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India दक्षिण एशिया में Railway Network मज़बूत करना चाहता है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

भारत (India) जल्द ही नेपाल (Nepal) के साथ दो रेलवे लिंक (Railway Link) के जरिए जुड़ेगा, जबकि बांग्लादेश (Bangladesh) के साथ इसी तरह के छह रेलवे नेटवर्क बनाए जाएंगे. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को एक प्रमुख संस्थान को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. श्रृंगला ने कहा कि दक्षिण एशिया (South Asia) के देशों के बीच रेलवे लिंक का निर्माण होने से ये देश नजदीक आ रहे हैं और इनके बीच आपसी संपर्क भी बढ़ रहा है. विदेश सचिव ने कहा कि भारत के लिए उसकी सभी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में पड़ोस सबसे पहले आता है.श्रृंगला ने कहा, 'हमारे पड़ोस के कुछ हिस्सों में सड़क, पानी, रेल और हवाई मार्ग के जरिए और अक्सर मल्टीमॉडल परिवहन द्वारा कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है.'

इससे पहले फरवरी की शुरुआत में भारत (India) और नेपाल (Nepal) ने उत्तराखंड में धारचूला को नेपाल के दार्चुला से जोड़ने वाली महाकाली नदी (Mahakali River) पर भारतीय अनुदान सहायता से पुल के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए थे. नेपाल का दार्चुला उसी कालापानी (Kalapani) के इलाके के पास है जिसे लेकर भारत और नेपाल में विवाद हो गया था. नेपाल ने 2020 में अपना नया विवादित मैप जारी किया था जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल की सीमा में दर्शाया गया था. 

भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, नेपाल में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और नेपाल के भौतिक अवसंरचना और परिवहन मंत्रालय के सचिव रवींद्र नाथ श्रेष्ठ ने परिवहन मंत्री रेणु कुमारी यादव की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

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वहीं भारत और बांग्लादेश की बीच रेल लाइनों को 2020 से दोबारा वरीयता देना शुरू किया गया. दिसंबर 2020 में पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश स्थित चिलहटी के बीच रेल मार्ग को 55 साल बाद 17 दिसंबर को खोला गया था. भारत तथा बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने इसका उद्धाटन किया था. वर्ष 1965 में भारत तथा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच रेल संपर्क टूटने के बाद कूचबिहार स्थित हल्दीबाड़ी और उत्तरी बांग्लादेश के चिलहटी के बीच रेलवे लाइन बंद कर दी गई थी

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