VIDEO: अंतिम संस्कार के लिए बाढ़ से भी संघर्ष, सीने तक पानी में निकाली बुजुर्ग की अर्थी

तेलंगाना में बाढ़ से तबाह हुए एक गांव में करीब 25 लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक 75 वर्षीय व्यक्ति के शव को श्मशान घाट पहुंचाया

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ग्रामीणों ने कहा कि, सड़क के लिए टेंडर हो गया है लेकिन निर्माण लटका हुआ है.

हैदराबाद:

बाढ़ से तबाह हुए तेलंगाना के एक गांव में कम से कम 25 लोगों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी कि एक 75 वर्षीय व्यक्ति को सम्मानजनक अंतिम विदाई मिले.

एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें लोगों का एक समूह शव को उठाए हुए बाढ़ ग्रस्त नहर में तेजी से बहते पानी के बीच से गुजरते हुए श्मशान घाट को जाते हुए दिखाई दे रहा है. कुछ स्थानों पर करीब छाती तक पानी होने के कारण लोग सावधानी से कदम बढ़ाते हुए और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए दिखाई देते हैं. वे सभी लोग तेज धार में बह न जाएं, इसके लिए पूरी एहतियात बरतते हुए दिखाई दे रहे हैं.

यह घटना तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के वेचरानी गांव में हुई. यहां पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण गांव के श्मशान घाट के रास्ते में पानी भर गया है.

गांव में मंगलवार को बसवराज बलैया की मृत्यु हो गई. उनके परिवार के सदस्यों ने प्रारंभिक अनुष्ठान किया और फिर अन्य ग्रामीणों के साथ उनके शव को ले जाने के लिए नहर में उतरे. वीडियो में दिख रहा है कि शवयात्रा में शामिल लोगों का एक समूह सबसे आगे चल रहा है. दूसरा समूह शव के साथ पहले समूह का अनुसरण करते हुए उसके पीछे चल रहा है. इसके बाद तीसरा समूह दूसरे समूह के पीछे चल रहा है. यह समूह एक शोकाकुल महिला को ढाढस बंधाते हुए चल रहा है.

शवयात्रा जब तट के पास पहुंचने को होती है तब इसमें शामिल लोगों की कठिनाई बढ़ जाती है. वीडियो के अंतिम 60 सेकंड में हृदय-विदारक क्षण सामने आते हैं, जब लोग बमुश्किल कुछ फीट की दूरी पर गहरे पानी में डगमगाने लगते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर पक्की सड़क बनाने का प्रस्ताव था. वहां नहर का ओवरफ्लो होने से नियमित रूप से पानी भरा रहता है. उन्होंने दावा किया कि निविदाएं जारी कर दी गई हैं और 1.8 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन गांव अभी भी पक्की सड़क का इंतजार कर रहा है.

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