प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि उनके ‘मिशन' को पूरा करने के लिए है. उन्होंने गुजरात के जूनागढ़ में एक चुनावी रैली में कहा कि एक मजबूत और स्थिर सरकार न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘ये चुनाव मेरी महत्वाकांक्षा के लिए नहीं हैं, क्योंकि लोगों ने 2014 में उस महत्वाकांक्षा को पूरा किया है. 2024 का चुनाव मोदी के मिशन के लिए है.''
विपक्षी कांग्रेस पर खतरनाक मानसिकता रखने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि इसका घोषणापत्र मुस्लिम लीग की भाषा में लिखा गया है.
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस के लिए यह चुनाव अपना अस्तित्व बचाने के लिए है और इसके वास्ते वह अपने ‘मजहबी वोट बैंक' की मदद ले रही है.
अपने संबोधन में उन्होंने कांग्रेस को जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) हटाने और तीन तलाक को प्रतिबंधित करने वाले कानून को खत्म करने की चुनौती दी.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अनुच्छेद 370 को दफन कर दिया है. यह अब चला गया है. मैं कांग्रेस के शाही परिवार और उसके शहजादे को चुनौती देना चाहता हूं कि अगर आपका छिपा हुआ एजेंडा है तो खुले में आइए और लोगों को बताएं कि आप अनुच्छेद 370 बहाल करने की कोशिश करेंगे.''
मोदी ने कहा, ‘‘मैं देखना चाहता हूं कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान का अपमान करने का उनमें कितना साहस है. आप (कांग्रेस) असफल होंगे क्योंकि यह मोदी (आपके रास्ते में खड़ा) है.''
कच्चातिवु द्वीप विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान, केंद्र सरकार को भारत के पास द्वीपों की सटीक संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने फिर उपग्रह से सर्वेक्षण कराया और पाया कि हमारे पास 1,300 द्वीप हैं. उनमें से कुछ सिंगापुर जितने बड़े हैं. हम उनमें से कुछ को पर्यटन उद्देश्यों के लिए विकसित करेंगे.''
उन्होंने कहा कि हाल ही में कांग्रेस के एक नेता ने दक्षिण भारत को अलग करने और एक नया राष्ट्र बनाने की बात कही थी जबकि विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के सदस्य भी इसी तरह के बयान देते हैं.मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं को विभाजन की यह मानसिकता विरासत में मिली है. यह कांग्रेस ही थी जिसने सत्ता के लिए देश के विभाजन को स्वीकार किया.''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने करीब 30 साल पहले श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप उपहार में दिया था मानो यह उनकी निजी संपत्ति थी.उन्होंने कहा, ‘‘यदि सरदार पटेल मौजूद नहीं होते तो जूनागढ़ पाकिस्तान चला गया होता. अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो देश के लिए खतरनाक स्थिति पैदा करेगी. वे कच्छ के रेगिस्तान को यह कहकर छोड़ सकते हैं कि वहां कोई नहीं रहता है.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इसकी परवाह नहीं है और उसने कई निर्जन द्वीप दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर खुली छूट दी गई तो वह पार्टी हिमालय की चोटियों को बेच देगी.भगवान राम और भगवान शिव से संबंधित एक हालिया टिप्पणी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल ने ऐलान किया है कि यह चुनाव भगवान राम के खिलाफ लड़ाई है.
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनका उद्देश्य भगवान राम को हराना है और भगवान शिव भगवान राम को हराएंगे. वे क्या सोच रहे हैं? मुगलों ने इसी मानसिकता के साथ अयोध्या में राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर को नष्ट किया था.''आरक्षण के बारे में मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया था कि धर्म-आधारित कोटा नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह विचार-विमर्श महीनों तक चला. इसमें भाजपा या आरएसएस का कोई नेता नहीं था. कांग्रेस के विद्वान नेताओं के साथ-साथ बाबासाहेब आंबेडकर ने भी चर्चा में भाग लिया. विचार-विमर्श के बाद उन्होंने फैसला किया कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा.''मोदी ने कहा कि कांग्रेस अब यह कोटा छीनकर दूसरों को देना चाहती है.
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