IIT का तीसरा अंतरराष्ट्रीय परिसर श्रीलंका में स्थापित किये जाने की संभावना

भारत सरकार ने घोषणा की थी कि 2017-18 शैक्षणिक सत्र से मेधावी श्रीलंकाई छात्रों को भारत में आईआईटी में प्रवेश के अवसर प्रदान किए जाएंगे.

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त्रों के मुताबिक, श्रीलंका सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए आईआईटी मद्रास के संपर्क में है. (फाइल)
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  • IIT का तीसरा अंतरराष्ट्रीय परिसर श्रीलंका में स्थापित होने की संभावना
  • सूत्रों के मुताबिक, श्रीलंका परियोजना के लिए IIT मद्रास के संपर्क में है
  • IIT मद्रास के प्रवक्ता ने कहा कि बातचीत प्रारंभिक चरण में है
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नई दिल्‍ली :

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) का तीसरा अंतरराष्ट्रीय परिसर श्रीलंका में स्थापित किये जाने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. श्रीलंका में एक आईआईटी के प्रस्ताव की घोषणा पिछले साल नवंबर में 2024 के श्रीलंका के बजट में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा की गई थी. सूत्रों के मुताबिक, श्रीलंका सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए आईआईटी मद्रास के संपर्क में है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘भविष्य के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल में चेन्नई परिसर का दौरा किया था. बातचीत जारी है और परिसर (श्रीलंका के) कैंडी शहर में स्थापित किये जाने की संभावना है.''

सूत्र ने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल ने परिसर में ‘रिसर्च पार्क' का भी दौरा किया और अधिकारियों के साथ बातचीत की.''

भारत सरकार ने घोषणा की थी कि 2017-18 शैक्षणिक सत्र से मेधावी श्रीलंकाई छात्रों को भारत में आईआईटी में प्रवेश के अवसर प्रदान किए जाएंगे.

आईआईटी-मद्रास के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आईआईटी मद्रास की उस देश में एक परिसर स्थापित करने के लिए श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ बातचीत प्रारंभिक चरण में है. श्रीलंका से एक प्रतिनिधिमंडल ने हमारे परिसर का दौरा किया और जल्द ही आईआईटी मद्रास से एक प्रतिनिधिमंडल व्यवहार्यता अध्ययन के लिए श्रीलंका का दौरा करेगा.''

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यदि आईआईटी के श्रीलंका परिसर की योजना सफल होती है, तो यह आईआईटी मद्रास का दूसरा अंतरराष्ट्रीय परिसर होगा. संस्थान ने पिछले साल तंजानिया के जांजीबार में एक अंतरराष्ट्रीय परिसर की स्थापना की घोषणा की थी, जिसमें प्रीति अघलयम को प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया था.

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भारत और तंजानिया के बीच पिछले साल जुलाई में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन अंतिम प्रक्रियात्मक कदम था, जिसने परिसर के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया.

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इसके अलावा, आईआईटी-दिल्ली ने अबू धाबी में एक परिसर स्थापित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार के साथ एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

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ब्रिटेन भी कर रहा है बातचीत 

ब्रिटेन भी अपने देश में एक आईआईटी परिसर स्थापित करने का इच्छुक है और ब्रिटेन के कुछ विश्वविद्यालय इसकी संभावना तलाशने के लिए पहले से ही आईआईटी के साथ बातचीत कर रहे हैं. विभिन्न आईआईटी को पश्चिम एशिया और दक्षिण एशियाई देशों से अपने परिसर स्थापित करने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं.

केंद्र सरकार ने विदेशों में आईआईटी परिसर खोलने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए 17 सदस्यीय समिति गठित की थी. आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने 2022 में अपनी सिफारिशें सौपी थीं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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