उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले सात चरणों के चुनाव के पहले दौर में आज पश्चिमी यूपी की 58 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इस बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने विश्वास जताया है कि उनकी पार्टी विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगियों की चुनौती को मात देने में कारगर होगी. मुजफ्फरनगर से बीजेपी सांसद संजीव बाल्यान ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार मुसलमान भी उनकी पार्टी को वोट देंगे.
मुजफ्फरनगर में मुसलमानों का 40 प्रतिशत वोट है, लेकिन किसी भी बड़े राजनीतिक दल ने छह विधानसभा क्षेत्रों में से किसी में भी मुसलमान उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है. 2017 के यूपी चुनाव में, भाजपा ने सभी छह निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की थी.
इस बार पश्चिमी यूपी में किसानों के गुस्से के चलते पार्टी को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है. समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को उम्मीद है कि वे इस गुस्से को वोट के रूप में भुना सकेंगे और इस लिहाज से वो किसानों तक पहुंचते रहे हैं.
जब NDTV ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से किसानों के गुस्से सपा-रालोद के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, "कौन कहता है कि किसान हमारे साथ नहीं हैं? वे किसान और खेती के बारे में बात करने वाले कौन हैं? वे किस गांव में रहे हैं? उनके दादा, पिता, किसान थे क्या जो वे खुद को किसान कहते हैं. उन्हें तो मटर और गोभी के बीच का अंतर भी नहीं मालूम है."
फिर उन्होंने नाटकीय ढंग से कहा, "जब पछुआ हवा चलती है, तो वह सभी कीड़े-मकोड़े अपने साथ ले जाती है." जब उनसे पूछा गया कि क्या आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को कीड़े-मकोड़े कह रहे हैं तो उन्होंने उत्तेजित होकर कहा, "मैं केवल खेतों में कही जाने वाली एक कहावत के बारे में बात कर रहा हूं. मैं अपने विरोधियों का अत्यंत सम्मान करता हूं और कभी भी व्यक्तिगत रूप से उन पर हमला नहीं करूंगा."
बीजेपी नेता ने दावा किया कि वह उनकी पार्टी ही है जिसने पूर्व प्रधान मंत्री चरण सिंह (लोकप्रिय जाट नेता और जयंत चौधरी के दादा) और किसान नेता महेंद्र टिकैत (राकेश टिकैत, जिन्होंने किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था, के पिता) की विरासत को आगे बढ़ाया है.
बालियान ने कहा, "हम खुद को चौधरी चरण सिंह और महेंद्र टिकैत का राजनीतिक वंशज मानते हैं. बेटे और पोते के पास वे सभी भौतिक संपत्तियां हो सकती हैं जो वे चाहते हैं, लेकिन हम इन बड़े नेताओं को अपना असली राजनीतिक वंशज मानते हैं."