कोहरे की संभवना को ध्यान में रखते हुए 26 जनवरी को इस साल गणतंत्र दिवस परेड सामान्य समय से आधे घंटे बाद शुरू होगी. रक्षा मंत्रालय ने फैसला किया है कि बेहतर दृश्यता के लिए परेड सुबह 10 बजे के बजाय सुबह 10.30 बजे शुरू होगी. रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा, "चूंकि यह भविष्यवाणी की जा रही है कि कोहरे के चलते दर्शकों को परेड देखने में परेशानी हो सकती है, इसके चलते राजपथ के दोनों तरफ 5-5 कुल 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी.
परेड शुरू होने से पहले पिछले गणतंत्र दिवस परेड की फुटेज, सशस्त्र बलों पर लघु फिल्में और गणतंत्र दिवस 2022 से पहले विभिन्न घटनाओं से संबंधित कहानियों को मिलाकर क्यूरेट की गई फिल्में दिखाई जाएंगी. बाद में, स्क्रीन पर परेड का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा. इस साल कोविड के कारण मेहमानों की सूची और परेड को छोटा किया गया है. दिल्ली में कोविड की स्थिति को देखते हुए इस साल लगभग 24,000 लोगों को ही गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.
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सूत्रों ते मुताबिक, इस साल परेड में शामिल होने वाले लगभग 24,000 लोगों में से 19,000 लोगों को आमंत्रित किया गया है और बाकी आम जनता है, जो टिकट खरीद सकती है. पिछले साल भी कोविड महामारी के बीच परेड हुई थी और इसमें लगभग 25,000 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी. महामारी फैलने से पहले, 2020 की परेड में लगभग 1.25 लाख लोगों को अनुमति दी गई थी. लगातार दूसरे वर्ष, परेड में मुख्य अतिथि के रूप में कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति शामिल नहीं रहेगा.
26 जनवरी को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का एक राष्ट्रव्यापी प्रमुख कार्यक्रम 'शहीदों को शत शत नमन' राष्ट्र की रक्षा में शहीदों के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में शुरू किया जाएगा. लगभग 5,000 शहीदों के परिवार को उस समय राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प के सदस्यों द्वारा देश भर में आभार की पट्टिका भेंट की जाएगी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इस साल का गणतंत्र दिवस भारत की आजादी के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. देशवासी इस बार कई चीज पहली बार 26 जनवरी को राजपथ पर मुख्य परेड के दौरान और 29 जनवरी को "बीटिंग रिट्रीट" समारोह के दौरान देखेंगे. पारंपरिक फ्लाई-पास्ट में भाग लेने के लिए 75 विमान तैयार हैं, जो समारोह के अंत का प्रतीक है. राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और आधुनिक विमानों का प्रदर्शन किया जाएगा. फ्लाई-पास्ट इन विमानों/हेलीकॉप्टरों द्वारा 15 विभिन्न संरचनाओं का गवाह बनेगा.
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सुरक्षा एजेंसियों ने परेड से कुछ दिन पहले गाजीपुर फूल बाजार में बम पाए जाने और निष्क्रिय होने के बाद राजपथ के आसपास के इलाकों में जहां परेड होती है, वहां इंतजाम बहुस्तरीय सुरक्षा के साथ और भी मजबूत कर दिए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमने इस क्षेत्र में हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली के साथ ही 300 सीसीटीवी लगाए हैं."
गौरतलब है कि इस साल परेड का आयोजन नए रूप वाले सेंट्रल विस्टा पर किया जाएगा, जिसमें पहली बार दिल्ली के प्रतिष्ठित ब्रिटिश-निर्मित हिस्से में बदलाव किया गया है. भारत की सैन्य शक्ति और संस्कृति के वार्षिक के 26 जनवरी को प्रदर्शन के लिए राजपथ को आंशिक रूप से तैयार करने के लिए सरकार के सामने बहुत कम समय बचा है. अधिकारियों का कहना है कि ब्रिटिश शैली की कुर्सियाँ, लाइटें और तूफानी पानी की नालियों से जुड़े नए रास्ते तैयार हैं, पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के चलते यहां का काम धीमा हो गया है.
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