बिहार में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विशेष टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सांसद औऱ विधायक किसे अपना वोट दें ये वो पद पर खड़े उम्मीदवार को सुनकर ही तय करते हैं. ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पहले पता तो चले कि उस पर चुने जाने के बाद कौन सा उम्मीदवार भविष्य में क्या करना चाहता है, उसका भविष्य को लेकर विजन क्या है. इस दौरान तेजस्वी यदाव ने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जहां तक बात महिलाओं के सम्मान की है तो बीजेपी वालों को पता है क्या कि महिलाओं का सम्मान क्या होता है. ये लोग महिलाओं के सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. आज ये महिला-महिला कर रहे हैं लेकिन महिलाओं का इतना सम्मान करते हैं तो प्रतिभा सिंह पाटिल का विरोध और उनके ख़िलाफ़ वोट क्यों डाला था?
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि मुर्मू जी से हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. वो भी अच्छी महिला हैं. लेकिन राष्ट्रपति ऐसा होना चाहिए जो संविधान की रक्षा करे और लोकतंत्र को बचाए. और जहां अराजकता का माहौल है जहां नफरत परोसा जा रहा है, जहां धर्म को धर्म से लड़ाया जा रहा है, जहां बेकार के कानून बनाए जा रहे हैं. आज इन कानून के खिलाफ लोग सड़क पर हैं. इस माहौल में एक उम्मीद होता है राष्ट्रपति. हमको ऐसा मजबूत राष्ट्रपति चाहिए जो हर स्थिति को संभाले. सरकरा को चेक एंड बैलेंस करे. हमसे सवाल किया कि आप राष्ट्रपति को चुनेंगे या मूर्ति को चूनेंगे तो हमने जवाब दिया कि हम मूर्ति को क्यों चुनेंगे हम तो राष्ट्रपति चुनेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि अच्छी या बेहतर महिला की बात नहीं हो रही है. यहां बात राष्ट्रपति चुनाव का है. हमारे सामने दो विकल्प हैं, एक द्रौपदी मुर्मू और दूसरे यशवंत सिन्हा का. इस चुनाव में एमपी और एमएलए वोटर होते हैं. आम जनता भी जब चुनाव में वोट डालती है तो पहले अपने प्रत्याशी को सुनना चाहती है, ये जानना चाहती है कि आखिर जब वो चुन कर आएंगे तो आपके लिए क्या करेंगे, उनका विजन क्या है. वैसे ही राष्ट्रपति चुनाव में भी हम सांसद और विधायक अपने दो उम्मीदवारों को सुनना चाहते हैं कि जब वो इस पद पर बैठेंगे तो क्या-क्या करेंगे. लेकिन हमने तो अभी तक सिर्फ यशवंत सिन्हा जी को ही सुना है, द्रौपदी मुर्मू को हमने कुछ कहते सुना नहीं है.
और आखिर में तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पर टिप्पणी की. उनहोंने कहा कि जब उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था तो वो मेरे पास आये थे कि मुझे ले लीजिए मन नहीं लग रहा. उनके बारे में क्या ही बोला जाए.