कारीगरों- छोटे कारोबारियों की मदद के लिए ‘मिशन मोड’ में काम करने की है जरूरत : पीएम मोदी

पीएम मोदी (PM Modi) ने बजट के बाद ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ योजना पर आयोजित एक वेबिनार (Webinar) में कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य आज के कारीगरों को कल का बड़ा उद्यमी बनाना है. इसके लिए उनके व्यापार मॉडल में स्थिरता जरूरी है.’’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेविनार में छोटे कारीगरों और छोटे कारोबारियों के विकास योजना पर बात की.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कारीगरों, छोटे कारोबारियों की मदद के लिए समयबद्ध तरीके से मिशन बनाकर काम करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि 'पीएम-विश्वकर्मा योजना' (PM-Vishwakarma Scheme) का ध्यान ऐसे ही एक बहुत बड़े और बिखरे हुए समुदाय की तरफ है.मोदी ने बजट के बाद ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान' योजना पर आयोजित एक वेबिनार में कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य आज के कारीगरों को कल का बड़ा उद्यमी बनाना है. इसके लिए उनके व्यापार मॉडल में स्थिरता जरूरी है.''

उन्होंने सभी हितधारकों से छोटे कारीगरों को अपनी मूल्य शृंखला का हिस्सा बनाने का आह्वन किया. पीएम मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' का उद्देश्य कारीगरों के कौशल को निखारना, उनके लिए आसानी से ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना और ब्रांड प्रचार में उनकी मदद करना है ताकि उनके उत्पाद बाजार में जल्दी पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य कारीगरों और लघु कारोबार से जुड़े लोगों की भी मदद करना भी है.

उन्होंने कहा कि ‘स्किल इंडिया मिशन' के तहत करोड़ों लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. प्रधानमंत्री ने कहा कि लघु स्तर के कारीगर स्थानीय शिल्प के निर्माण और देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि आज का ये बजट वेबिनार भारत के करोड़ों लोगों के हुनर और उनके कौशल को समर्पित है। कौशल जैसे क्षेत्र में हम जितना विशिष्ट रूप से केंद्रीत होंगे, हमारा रूख जितना लक्ष्य आधारित होगा... उतने ही बेहतर परिणाम मिलेंगे और पीएम-विश्वकर्मा योजना उसी सोच का नतीजा है.मोदी ने कहा कि आजादी के बाद हमारे कारीगरों को सरकार से जिस सुगढ़ तरीके के हस्तक्षेप की आवश्यकता थी, वो नहीं मिल पाई.

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उन्होंने कहा कि आज कई लोग अपना पुश्तैनी और पारंपरिक व्यवसाय छोड़ रहे हैं, हम इस वर्ग को ऐसे ही अपने हाल पर नहीं छोड़ सकते.प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे गांवों और शहरों में विभिन कारीगर हैं जो अपने हाथ के कौशल से औजार का उपयोग करते हुए जीवन यापन करते हैं. पीएम-विश्वकर्मा योजना का फोकस ऐसे ही एक बहुत बड़े और बिखरे हुए समुदाय की तरफ है.''

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प्रधानमंत्री ने कहा , ‘‘हमारी नजर केवल स्थानीय बाजार पर नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य वैश्विक बाजार भी है. कारीगरों को हम मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाकर ही मजबूत कर सकते हैं.''उन्होंने कहा कि उद्योग ऐसे लोगों की जरूरतों के साथ जुड़कर अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं, जहां उन्हें कौशल एवं गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है.

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