देश को आत्मनिर्भर बनाने की साकार हो रही है राष्ट्रपिता और शास्त्री की परिकल्पना: उपराष्ट्रपति

धनखड़ ने कहा, 'पिछले महीने ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. दशक के अंत में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है.'

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नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि देश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की परिकल्पना पिछले कुछ सालों के दौरान शासन में उठाए गए कई सकारात्मक कदमों के कारण साकार हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए पहल की है. उन्होंने उभरती तकनीक के मद्देनजर युवाओं का कौशल बढ़ाने के लिए और कदम उठने की अपील की, ताकि प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में बढ़त हासिल की जा सके.

धनखड़ ने 23वें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण में कहा, 'पिछले महीने ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. दशक के अंत में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है.'

उपराष्ट्रपति ने कहा कि उत्साह के साथ इतने दशकों के प्रयास से आज देश आर्थिक लिहाज से वैश्विक शक्ति बनने के कगार पर है.

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