बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के दो गुटों के नेता चाचा-भतीजे की जंग ने बीजेपी की नाक में दम कर रखा है. बीजेपी चाहती है कि पशुपति पारस और चिराग पासवान में सुलह हो जाए. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दो दिन पहले पशुपति पारस से मुलाकात की थी. नित्यानंद राय चिराग पासवान से भी मिल चुके हैं. नित्यानंद राय ने कहा कि चाचा-भतीजे को मतभेद भुलाकर एक हो जाना चाहिए.
बीजेपी चाहती है कि लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों गुटों का विलय हो जाए और पार्टी पुराने रूप में लौट आए. लेकिन पशुपति पारस इसके लिए तैयार नहीं हैं. पेंच हाजीपुर लोकसभा सीट का फंसा है. चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं लेकिन वे 2024 का लोकसभा चुनाव हाजीपुर से लड़ना चाहते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि हाजीपुर से रामविलास पासवान जीतते आए हैं और यह सीट उनकी विरासत मानी जाती है. लेकिन 2019 के चुनाव में पशुपति पारस यहां से जीते और चिराग जमुई से.
पशुपति पारस का कहना है कि वे 2024 में हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे. उनका कहना है कि चिराग पासवान का हाजीपुर से लड़ने की बात कहना जमुई की जनता को धोखा देने जैसा है.
पशुपति पारस ने बीजेपी से कहा कि अगर चिराग को हाजीपुर से ही लड़ना था तो वे 2019 में यहां से क्यों नहीं लडे़. पशुपति पारस के पास खुद को मिलाकर पांच सांसद हैं. वे कह चुके हैं कि चिराग अगर एनडीए का हिस्सा बनते हैं तो वे इसका विरोध तो नहीं करेंगे लेकिन स्वागत भी नहीं करेंगे.
अब चिराग पासवान को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र लिखकर 18 जुलाई की बैठक में आमंत्रित किया है और उनकी पार्टी को एनडीए का हिस्सा बना लिया है. लेकिन बीजेपी चाहती है कि दोनों पार्टियों का विलय हो जाए ताकि वोटों का विभाजन रोका जा सके.