पिछले दो वर्षों में सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हुए सभी चिकित्सा कर्मियों को उनके घरों के पास स्थित कोविड फैसिलिटी (Covid Facilities) में काम करने के लिए वापस बुलाया जाएगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने आज पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से यह बात कही. कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में मदद करने के लिए सशस्त्र बलों की ओर से की गई तैयारियों के बारे में पीएम मोदी को जानकारी देते हुए जनरल रावत ने कहा कि मिलिट्री के साथ उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों में भेज दिए जाएंगे. कोरोना संक्रमण की दूसरी तेज लहर के बीच इस जीवन रक्षक गैस की जरूरत है.
सरकार के बयान के मुताबिक अन्य सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारियों से भी आपातकालीन हेल्प लाइन के माध्यम से परामर्श देने का आग्रह किया गया है.
जनरल रावत ने समीक्षा बैठक में पीएम मोदी से कहा कि सैन्य मुख्यालयों में तैनात सभी चिकित्सा अधिकारियों को कोरोनो वायरस से पीड़ित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मदद करने के लिए अस्पतालों में तैनात किया जाएगा.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने पीएम मोदी को जानकारी दी कि सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को, जो पिछले दो वर्षों में सेवानिवृत्त हो चुके हैं या प्री-मेच्योर रिटायरमेंट ले चुके हैं, उन्हें उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट ही कोविड सुविधाओं में काम करने के लिए वापस बुलाया जा रहा है. पूर्व में सेवानिवृत्त हुए अन्य चिकित्सा अधिकारियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी सेवाएं चिकित्सा आपातकालीन सहायता लाइनों के माध्यम से परामर्श के लिए उपलब्ध कराएं.
पीएम मोदी को यह भी बताया गया कि कमांड मुख्यालय, कोर मुख्यालय, डिवीजन मुख्यालय और नौसेना और वायु सेना के मुख्यालय में नियुक्त सभी चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों में नियोजित किया जाएगा.
सीडीएस ने पीएम को बताया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की सहायता के लिए नर्सिंग कर्मियों को बड़ी संख्या में नियोजित किया जा रहा है. पीएम मोदी को यह भी जानकारी दी गई कि विभिन्न प्रतिष्ठानों में सशस्त्र बलों के पास उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों के लिए जारी किए जाएंगे. सीडीएस ने कहा कि वे बड़ी संख्या में चिकित्सा सुविधाएं बना रहे हैं और जहां पर सैन्य चिकित्सा का ढांचा नागरिकों को उपलब्ध कराया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और विदेशों में ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक चीजों के परिवहन के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा किए जा रहे अभियानों की भी समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने सीडीएस के साथ यह भी चर्चा की कि केंद्रीय और राज्य सैनिक कल्याण बोर्डों और पूर्व सैनिक प्रकोष्ठों में विभिन्न मुख्यालयों में तैनात अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए जा सकते हैं कि दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ाने के लिए वह पूर्व सैनिकों के साथ समन्वय स्थापित करें.