डीजीपी के जम्मू आवास पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या में एक तिहाई तक की कटौती की जाएगी

भारतीय रिजर्व पुलिस (आईआरपी) की 12वीं बटालियन की कमांडिंग ऑफिसर रश्मी वजीर की अध्यक्षता वाली समिति ने सुरक्षा कम करने की सिफारिश की थी.

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कश्मीर से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम पुलिस पर छोड़ने की योजना भी है.
जम्मू:

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सुरक्षा ड्यूटी से अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को मुक्त करने के लिए आंतरिक कवायद शुरू की है, जिसके तहत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. आर. स्वैन के जम्मू स्थित आवास पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटाई जाएगी. एक अधिकारी ने कहा कि समग्र सुरक्षा स्थिति में सुधार और केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों में लगातार गिरावट को देखते हुए, डीजीपी के आवास पर सुरक्षा कर्मियों की संख्या में कटौती करने का निर्णय इस उद्देश्य के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश पर लिया गया.

अधिकारी ने कहा कि यह कदम एक साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के कुछ दिन बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की योजना जम्मू-कश्मीर से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम पुलिस पर छोड़ने की है.

भारतीय रिजर्व पुलिस (आईआरपी) की 12वीं बटालियन की कमांडिंग ऑफिसर रश्मी वजीर की अध्यक्षता वाली समिति ने सुरक्षा कम करने की सिफारिश की थी.

अधिकारी ने कहा कि डीजीपी ने सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.

उन्होंने कहा कि डीजीपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान, श्रीनगर में अपने आवास की सुरक्षा करने वाली सीआरपीएफ की टुकड़ी हटाने का भी सुझाव दिया है.

आपको बता दें कि जेल में बंद अलगाववादी शब्बीर अहमद शाह की बेटी समा शब्बीर और पाकिस्तान समर्थक दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी की नातिन रुवा शाह ने खुद को अलगाववादी विचारधारा से अलग कर लिया है और भारत की संप्रभुता के प्रति अपनी निष्ठा की घोषणा की है. स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित एक जैसे सार्वजनिक नोटिस में, उन्होंने खुद को अलगाववादी राजनीति से दूर कर लिया.

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