दिल्ली में नए संसद भवन (New Parliament Building) में स्तापित राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem) को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि नए संसद भवन में राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदल दिया गया है. इस पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने विपक्ष को सिलसिलेवार ट्वीट करके जवाब दिया है.
राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि यदि सारनाथ में स्थित राष्ट्रीय प्रतीक (Sarnath Emblem ) के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर बने प्रतीक के आकार को छोटा किया जाए, तो दोनों में कोई अंतर नहीं होगा.
विपक्षी पार्टिंयों का कहना है कि अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले' शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण करके राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदल दिया गया है. विपक्ष ने इसे तत्काल बदलने की मांग की है.
हरदीप सिंह पुरी के मंत्रालय पर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण की जिम्मेदारी है. पुरी ने कहा कि दो संरचनाओं की तुलना करते समय कोण, ऊंचाई और माप के प्रभाव की सराहना करने की आवश्यकता है.
पुरी ने ट्वीट किया कि यदि कोई व्यक्ति नीचे से सारनाथ प्रतीक को देखता है, तो वह उतना ही शांत या क्रोधित दिखाई देगा, जितना बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि मूल प्रतीक की वास्तविक प्रतिकृति नई इमारत पर लगाई जाती है, तो वह दूर से नहीं दिखाई देगी. उन्होंने कहा कि 'विशेषज्ञों' को यह भी पता होना चाहिए कि सारनाथ में रखा गया मूल प्रतीक जमीन पर है जबकि नया प्रतीक जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है.
केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'अगर सारनाथ में स्थित प्रतीक चिन्ह के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर लगे प्रतीक के आकार को छोटा कर दिया जाए तो दोनों में कोई फर्क नहीं दिखेगा.''
हरदीप सिंह पुरी ने सारनाथ में स्थित राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह की एक तस्वीर भी ट्वीट की है.
पीएम मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था. इसके बाद विपक्षी दलों ने प्रतीक के स्वरूप को लेकर आरोप लगाने का सिलसिला शुरू कर दिया.
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