कांग्रेस सांसद धीरज साहू (Congress MP Dheeraj Sahu) के परिवार के स्वामित्व वाली शराब उत्पादन कंपनी और उससे जुड़ी कुछ कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी शुक्रवार तड़के खत्म हो गई. वहीं इस मामले पर अब कांग्रेस सांसद धीरज साहू की पहली प्रतिक्रिया आई है. परिसरों से 350 करोड़ रुपये बरामदगी पर साहू ने कहा कि ''मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह पैसा मेरे परिवार की व्यावसायिक कंपनियों का है...आयकर विभाग का पक्ष आने दीजिए चाहे वह 'काला धन' हो या 'सफेद धन'. मैं बिजनेस लाइन में नहीं हूं. इसका जवाब मेरे परिवार के सदस्य देंगे...
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि लोग इसे कैसे देख रहे हैं. लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस पैसे का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है.
दस दिन तक चली छापेमारी में 350 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जिसे देश में अब तक किसी छापेमारी में जब्त “सबसे अधिक नकदी” बताया जा रहा है. बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ छह दिसंबर को छापेमारी शुरू हुई थी.
अधिकारियों ने इस दौरान वितरकों, कुछ हवाला संचालकों, कई कंपनियों के अलावा रांची में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के पारिवारिक आवास पर भी छापेमारी की.
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि 15 दिसंबर तड़के छापेमारी खत्म हो गई. विभाग ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 30-34 परिसरों पर छापेमारी की और इस अभियान के दौरान लगभग तीन किलोग्राम सोने के आभूषण भी जब्त किए गए.
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