Phone Hacking Controversy: वाशिंगटन पोस्ट ने 27 दिसंबर को एमनेस्ट के सहयोग से एक खबर छापी थी. इस खबर में दावा किया गया था कि विपक्ष के नेताओं और कुछ पत्रकारों को उनके आईफोन हैक करने की कोशिश की गई है. उनके ऊपर स्पाइवेयर से निशाना बनाया गया था, जिसकी जानकारी अक्टूबर में आई थी. इन आरोपों पर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि ये आधा सत्य है और पूरी तरह से अधपकी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने बताया कि इस खबर में कोई दम नहीं है. यह कहानी आधा सत्य और अधपकी है. इस मामले पर एप्पल की ओर से 31 अक्टूबर को ही लोगों के पास जानकारी आ गई थी.
देखें ट्वीट
इस ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने वाशिंगटन पोस्ट की खबर को कोट करते हुए लिखा है- कंपनी किसी राज्य प्रायोजित हमलावर के खतरे की सूचनाओं का श्रेय कभी नहीं देती है. राज्य प्रायोजित हमलावरों को अच्छा खासा फंड मिलता है. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं.
उन्होंने कहा कि इस घटना पर मेरी और मंत्रालय की प्रतिक्रिया यही है कि यह Apple को बताना है कि क्या उनके उपकरण असुरक्षित हैं? ऐसे अलर्ट किन कारणों से जारी हुए. इस मामले पर एप्पल से पूछताछ जारी है. इसकी जांच हो रही है.