दिल्ली के उपराज्यपाल ने एसीबी ( एंटी करप्शन ब्रांच) से स्पष्टीकरण मांगा,  पूछा जांचों में क्यों हो रही देरी

उप राज्यपाल सचिवालय के मुताबिक LG विनय कुमार सक्सेना ने सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की  शिकायतों औऱ मामलों की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-Corruption Branch) एवं सतर्कता निदेशालय  द्वारा हो रही चूकों और देरी का गंभीर संज्ञान लिया है. 

Advertisement
Read Time: 23 mins
नई दिल्ली:

उप राज्यपाल सचिवालय के मुताबिक LG विनय कुमार सक्सेना ने सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की  शिकायतों औऱ मामलों की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-Corruption Branch) एवं सतर्कता निदेशालय  द्वारा हो रही चूकों और देरी का गंभीर संज्ञान लिया है.  उपराज्यपाल ने सतर्कता निदेशालय और विभागों को भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कार्रवाई करते समय पूर्ण सावधानी और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं. उपराज्यपाल ने उन प्रशासनिक विभागों के प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की है जो अपने अधिकारियों के विरूद्ध शिकायतों की जांच हेतु एजेंसियों द्वारा मांगी गई जानकारियों को या तो समय पर उपलब्ध नहीं कराते हैं या फिर देरी करते हैं.

LG ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के संबंधित अधिकारियों द्वारा एक वर्ष से अधिक समय से लंबित सभी मामलों के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही विभाग को ऐसे लंबित मामलों की सूची कारण सहित उपराज्यपाल सचिवालय को भेजने को कहा है.

उन्होंने सतर्कता निदेशालय और सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि जांच के लिए भेजे गए सभी मामलों औऱ शिकायतों पर गंभीरता से विचार, यथोचित प्रक्रिया एवं मामलों का विवेकपूर्ण अध्ययन करके उसे निश्चित समय सीमा के अन्दर कार्रवाई हेतु प्रस्तुत किया जाए.

Advertisement

उपराज्यपाल द्वारा यह निर्देश तब जारी किए गए, जब उन्होंने पाया कि सरकारी अधिकारियों के कथित भ्रष्टाचार के मामलों में बेवजह देरी की गई है. उपराज्यपाल सचिवालय ने पाया कि कई मामले 2012-2017 से जांच के लिए लंबित हैं. उपराज्यपाल ने पाया कि कई मामलों में संबंधित प्रशासनिक विभाग ने अपनी टिप्पणीयां प्रस्तुत नहीं की थी.

Advertisement

उपराज्यपाल ने सतर्कता विभाग को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा शिकायत संबंधी अनुरोध उनके विचार के लिए तभी प्रस्तुत किया जाए जब संबंधित प्रशासनिक विभाग अभियुक्त अधिकारियों के खिलाफ उचित छानबीन कर अपनी टिप्पणी फाइल पर दे दें.

Advertisement

उराज्यपाल ने निर्देश दिए कि प्रशासनिक विभाग की टिप्पणियों को रिकार्ड कर यह सुनिश्चित किया जाए कि विभिन्न एजेंसियों की सिफारिशें यथासंभव एक दूसरे से अलग और विरोधाभासी न हों।

Advertisement
Featured Video Of The Day
Gurugram Police: जानकारी न देने पर Whatsapp निदेशकों और नोडल अधिकारी पर केस क‍िया दर्ज