उत्तर प्रदेश में चुनावों की तैयारी के बीच गरमा रहा है मथुरा में मंदिर निर्माण का मुद्दा

यूपी चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के एक ट्वीट के बाद विवाद खड़ा हो गया है.

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पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के आनुसार अयोध्या विवाद के अलावा किसी भी धर्मस्थान का जो स्वरूप 15 अगस्त 1947 को था वही रहेगा.
मथुरा:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनावी घमासान के बीच एक और मुद्दा गरमा रहा है. ये मुद्दा है मथुरा (Mathura) में मंदिर निर्माण का. दरअसल यूपी चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के एक ट्वीट के बाद विवाद खड़ा हो गया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि अयोध्या, काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, अब मथुरा की तैयारी है. उनके ट्वीट के बाद मथुरा में तनाव का माहौल है. शहर में पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. पहले ही, कुछ अतिवादियों ने ईदगाह में भगवान कृष्ण का जलाभिषेक करने की घोषणा की हुई है. ऐसे तनाव के समय में केशव मौर्य के ट्वीट ने आग में घी का काम किया है.

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इस मसले पर राजनीति दिन प्रतिदिन गरमा रही है. समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मौर्य के इस बयान पर कहा है कि भाजपा हार के डर से चुनाव में हिंदू-मुस्लिम झगड़ा करना चाहती है. अखिलेश यादव कहते हैं कि हार सामने देख भाजपा ये सब कर रही है. यादव, ने कहा - ''नया मंत्र चलने वाला नहीं है. ये लोग हार स्वीकार कर चुके हैं. जो हार स्वीकार कर लेते हैं, वही ऐसे बयान देते हैं."

दूसरी तरफ बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी एक ट्वीट कर मौर्य पर हमला बोला है. मायावती ने लिखा - ''केशव मौर्य का चुनाव के नजदीक यह बयान कि ''अयोध्या और  काशी में मंदिर निर्माण जारी है अब मथुरा की तैयारी है'' भाजपा के चुनाव में हार के डर को उजागर करता है. उन्होंने कहा - 'इनके इस आखिरी हथकंडे यानी हिंदू-मुस्लिम राजनिति से भी जनता सावधान रहे".  

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गौरतलब है कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 के मुताबिक 15 अगस्त, 1947 को धर्मस्थान का जो स्वरूप था, बदला नहीं जा सकता. अधिनियम के अनुसार- "कोई व्यक्ति किसी धर्म के, किसी भी तरह के धर्म स्थान को, उसी धर्म के किसी दूसरे संप्रदाय के धर्म स्थान या किसी दूसरे धर्म के धर्म स्थान के तौर पर नहीं बदल सकेगा." धारा 6(1) कहती है - ''इसका उल्लंघन करने वाले को 3 साल तक की क़ैद और जुर्माने की सज़ा होगी." धारा 6 (2) कहती है - "इसे न मानने या ऐसा करने की साजिश करने पर भी सज़ा होगी, भले उसे साजिश पर अमल न हुआ हो." 

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इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव में कारसेवा का जिक्र किया था, सीएम ने कहा - ''आप देखना अगली कारसेवा जब होगी तब गोली नहीं चलेगी..तब रामभक्तों, कृष्णभक्तों पर पुष्पों की वर्षा होगी''. वैसे तो अयोध्या में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी दीपोत्सव में कहा था "कि अगर इस बार कारसेवा होगी तो कारसेवकों पर गोली नहीं चलेगी बल्कि फूल बरसा होगी. लेकिन उन्होंने बताया नहीं कि ये करसेवा कहां होगी."

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बता दें कि मथुरा की एक बड़ी आबादी मंदिर और तीर्थ यात्रा से ही रोज़ी रोटी कमाती है, जिसमें मुसलमानों का भी बड़ा तबका शामिल है जो ठाकुर जी के वस्त्रों की कढ़ाई और सिलाई का काम करते हैं. एसे में ईदगाह में जलाभिषेक ने वहां रहने वाले लोगों के दिलों मे भय भर दिया है. हालांकि, एलान अब वपस हो गया है लेकिन शहर के उलेमा ने इस पर एक बैठक करके मुसलामानों से एहतियात बरतने की अपील की है.

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मथुरा कि मक्का मस्जिद के इमाम मौलाना शासुद्दीन ने बताया कि हम लोगों ने मुसलमान भाईयों से एहतियात बरतने को कहा है. हमारी उनसे गुजारिश है मुसलमान भाई जैसे अपनी मस्जिदों में नमाज अता करते थे, वे पहले की तरह अपने मुहल्ले की अपनी-अपनी मस्जिद में नमाज अता करें. शाही मस्जिद ईदगाह पर सावधानी करें, भीड़ न करें और ज्यादा लोगों के जमा होने की कोशिश न करें.

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