केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाए गए 'अविश्वास प्रस्ताव' पर अगले हफ्ते संसद में बहस शुरू होगी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद रहेंगे. सूत्रों ने बताया है कि चर्चा की तारीख सोमवार को तय की जाएगी. एक अगस्त यानि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र का दौरा करने की उम्मीद है. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार और गुरुवार को चर्चा, जवाब और मतदान हो सकता है.
संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा और सरकार के पास विधेयकों की एक लंबी सूची है, जिन्हें उसे आगे बढ़ाना है.
आंकड़े बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार को चिंता करने की जरूरत नहीं है. 543 सदस्यीय लोकसभा में पांच सीटें खाली हैं, जिससे बहुमत का आंकड़ा घटकर 270 रह गया है.
बीजेपी के पास स्पीकर सहित 301 सीटें हैं, जो बहुमत के आंकड़े से ऊपर है. सहयोगियों के साथ एनडीए का कुल आंकड़ा 331 तक पहुंच गया है. कम संख्या बल के कारण विपक्ष को प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद नहीं है. सूत्रों ने कहा, इसका एकमात्र उद्देश्य प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलने के लिए प्रेरित करना है. एक ऐसी मांग जिसे सरकार ने अब तक नजरअंदाज कर दिया है.
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वाईएसआर कांग्रेस, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, बीएसपी और टीडीपी सहित 'गुटनिरपेक्ष दल' भी हैं. जो अनुपस्थित रहकर सरकार को अप्रत्यक्ष समर्थन दे सकते हैं और इस तरह बहुमत का आंकड़ा नीचे ला सकते हैं.
कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "I.N.D.I.A. गठबंधन को लोकसभा में अपनी संख्या के बारे में पता है, लेकिन यह सिर्फ संख्या के बारे में नहीं है. यह न्याय के लिए मणिपुर की लड़ाई के बारे में है."
उन्होंने कहा, "मणिपुर के भाइयों और बहनों को एक संदेश जाना चाहिए कि पीएम मोदी शायद मणिपुर को भूल गए हैं, लेकिन दुख की इस घड़ी में I.N.D.I.A. गठबंधन उनके साथ खड़ा है और हम संसद के अंदर उनके अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं."
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