Retail Inflation Rate: दाल-सब्जियों और फलों के घटे दाम, नवंबर में 5.48% रही खुदरा महंगाई दर

यह लगातार तीसरा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर 5% के ऊपर बनी हुई है. जबकि खुदरा महंगाई दर 2 से 6 फीसदी के बैंड के बीच रहनी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति को 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

 देश की खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) में गिरावट दर्ज की गई है. नेशनल स्टैटिकल ऑफिस यानी एनएसओ (NSO) की ओर से गुरुवार को जारी डेटा के मुताबिक, भारत की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) बेस्ड महंगाई दर बीते महीने 5.48 फीसदी रही. इससे पहले अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21 फीसदी थी. नवंबर महीने में फूड इंफ्लेशन घटकर 9 फीसदी रहा, जो अक्टूबर में 10.9 फीसदी रहा था.

यह लगातार तीसरा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर 5% के ऊपर बनी हुई है. जबकि खुदरा महंगाई दर 2 से 6 फीसदी के बैंड के बीच रहनी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति को 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है.

NSO ने कहा, "नवंबर 2024 के महीने के दौरान सब्जियों, दालों और उत्पादों, चीनी और मिठाई, फलों, अंडे, दूध और उससे जुड़े उत्पादों, मसालों, परिवहन और संचार व व्यक्तिगत देखभाल जैसे उपसमूहों में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है."

वहीं, भारत में थोक महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 2.36% हो गई थी. थोक महंगाई में बढ़त की वजह खाद्य वस्तुओं की कीमतें उच्च स्तर पर रहना है. यह दर सितंबर में यह 1.84% थी. बीते महीने खाद्य उत्पादों की कीमतों में 13.57% की वृद्धि हुई है. इसकी वजह मॉनसून की देरी से वापसी के कारण फसलों को हुए नुकसान के बाद आलू और प्याज जैसी सब्जियां का महंगा होना है.

विनिर्मित वस्तुओं में थोक महंगाई दर, जिसका थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में भार 64% से अधिक है, बीते महीने 1.5% का इजाफा हुआ है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ईंधन और बिजली की में कीमतों में गिरावट आई और महंगाई दर माइनस 5.79% थी.


 

Featured Video Of The Day
Illegal Bangladeshi Immigrants: अवैध बांग्लादेशियों पर महेंद्र गोयल से पूछताछ करेगी दिल्ली पुलिस