The आनंद कुमार Show: Super-30 के आनंद कुमार ने समझाया, 'शॉर्टकट से जिंदगी नहीं चलती'

आनंद कुमार ने कहा, हमें ज्ञान नहीं, सफलता चाहिए, शिक्षा नहीं, नौकरी चाहिए. आज कॉलेजों से अच्छे पैकेज की खबर आती है, किसी नए प्रयोग या अविष्कार की खबर नहीं आती, क्योंकि हम किताब नहीं कुंजी पढ़ते हैं

विज्ञापन
Read Time: 14 mins

सुपर-30 के संस्थापक और शिक्षक आनंद कुमार ने छात्रों से कहा, हम सब कुछ शॉर्टकट से हासिल कर रहे हैं.  हमें ज्ञान नहीं, सफलता चाहिए, शिक्षा नहीं, नौकरी चाहिए. और नौकरी भी वही अच्छी है जिसमें पैसा है. आज कॉलेजों से अच्छे पैकेज की खबर आती है, किसी नए प्रयोग या अविष्कार की खबर नहीं आती, क्योंकि हम किताब नहीं कुंजी पढ़ते हैं. टीचर से नहीं, छपी हुई गाइड से सीखते हैं. सवाल जवाब के फार्मूलों से रटकर नंबर ले आते हैं. गूगल और चैट जीपीटी का सहारा लेते हैं. यह सब न हो तो पुरजे ही सही, चीट पुरजे ही सही. कहीं-कहीं तो डमी स्टूडेंट चले आते हैं. क्या यह शॉर्टकट सही है? यह हमें कहां ले जा रहा है? NDTV के 'द आनंद कुमार शो' में आज इसी विषय पर बातचीत की गई.     

आनंद कुमार ने कहा कि, आपने सीवी रमन का नाम सुना है? उन्हें साल 1930 में फिजिक्स में नोबेल प्राइज मिला था. एसएन बोस का नाम भी आपने जरूर सुना होगा. भारत में कई बड़े वैज्ञानिक पैदा हुए, गणितज्ञ पैदा हुए, लेकिन यह सारे नाम तब सामने आए थे जब भारत में आईआईटी यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एनआईटी या दूसरे साइंस इंस्टीट्यूट नहीं थे. आज इनकी बाढ़ है. हम हर साल लाखों इंजीनियर पैदा कर रहे हैं. लेकिन एक भी ऐसा वैज्ञानिक तैयार नहीं कर पा रहे हैं जो नोबल प्राइज देश के लिए ला सके. 

उन्होंने कहा कि, हमारे पास आज गर्व करने के लिए कोई रामानुजम नहीं है, कोई होमी जहांगीर भाभा भी नहीं है. हम गूगल, माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी करके खुश हैं.  खुद कोई ऐसा संस्थान तैयार नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा क्यों? 

Advertisement

आनंद कुमार ने शो में छात्रों से ब्लैक बोर्ड पर लिखकर गणित के सवाल पूछे जिनके छात्रों ने उत्तर लिखे. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए समझाया कि शॉर्टकट से जिंदगी नहीं चलती है. 

Advertisement
Topics mentioned in this article